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सीएम नीतीश कुमार ने एकबार फिर दिलाई लालू-राबड़ी शासनकाल की याद, मुख्यमंत्री ने बिंदुवार पुरानी बात लिख फेसबुक पर किया पोस्ट

By एस पी सिन्हा | Updated: October 28, 2025 19:20 IST

बिहार के युवाओं को अन्य राज्यों में ही रोजगार ढूंढना पड़ता था तथा उन्हें बिहारी के नाम पर अपमान झेलना पड़ता था।

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ठळक मुद्देयुवाओं के सामने अंधकार था, युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ता था।लोग सत्ता के लोभ में हवा-हवाई वादे कर रहे हैं।अन्य राज्यों से छात्र यहाँ आकर पढ़ाई कर रहे हैं।

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एकबार फिर से सोशल मीडिया फेसबुक पर पोस्ट कर लालू-राबड़ी शासनकाल की यादें ताजी कराई है। उन्होंने लिखा है किवर्ष 2005 से पहले अशिक्षा, बेरोजगारी और पलायन बिहार की नियति बन गई थी। युवाओं की उच्च शिक्षा के लिए अच्छे संस्थान नहीं थे, युवाओं के सामने अंधकार था, युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए राज्य से बाहर जाना पड़ता था।

मुख्यमंत्री ने बिंदुवार पुरानी बातों की याद दिलाई है

* बिहार के युवाओं को अन्य राज्यों में ही रोजगार ढूंढना पड़ता था तथा उन्हें बिहारी के नाम पर अपमान झेलना पड़ता था। उस वक्त नौकरियों के लिए वैकैंसी नहीं के बराबर निकलती थी। कुछ पदों पर बहाली निकलती भी थी तो सत्ता के संरक्षण में नौकरी का सौदा हो जाता था। वर्ष 2005 से पहले कार्यरत सरकारी कर्मियों का बुरा हाल था, ना काम करने का माहौल था, ना सुविधाएं थी और हर महीने वेतन और पेंशन भी नहीं मिलती थी। कई बार तो वेतन की आस में कर्मियों के 6-6 महीने तक गुजर जाते थे और वेतन/पेंशन के लिए धरना-प्रदर्शन तक करना पड़ता था। लोग सत्ता के लोभ में हवा-हवाई वादे कर रहे हैं।

* 24 नवंबर 2005 को राज्य में जब हमलोगों की सरकार बनी, तो सबसे पहले हमने शिक्षा व्यवस्था में सुधार किया। युवाओं के लिये रोजगारपरक तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण का इंतजाम किया गया। अब हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज एवं पॉलिटेक्निक की पढ़ाई हो रही है। राज्य में अनेक संस्थानों की स्थापना की गयी है जिसमें कई राष्ट्रीय स्तर के संस्थान भी शामिल हैं। यहाँ के छात्रों को अब मजबूरी में बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होती है, बल्कि अन्य राज्यों से छात्र यहाँ आकर पढ़ाई कर रहे हैं।

* राज्य में अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार मिले, ये शुरू से ही हमारी प्राथमिकता रही है। वर्ष 2005 से 2020 के बीच राज्य में 8 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई। राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने की गति को और बढ़ाने के लिए वर्ष 2020 में हमने सात निश्चय-2 में 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 10 लाख लोगों को रोजगार देने का संकल्प लिया था। सरकार इस पर लगातार काम कर रही है और वर्तमान तक 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। जहाँ तक रोजगार की बात है, 40 लाख लोगों को रोजगार दिया जा चुका है। दोनों को मिलाकर 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार दे दिया गया है। अब तय किया है कि अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार दे दिया जायेगा। इसके लिए विभिन्न विभागों में बड़ी संख्या में नए पद सृजित किये गये हैं, जिन पर लगातार बहाली की प्रक्रिया जारी है। युवाओं को कौशल विकास हेतु सभी इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलेटेक्निक संस्थानों एवं आई०टी०आई० में स्थापित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि उन्हें रोजगार मिल सके। इसके लिए भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर जी के नाम पर एक कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। राज्य में उद्योगों की स्थापना हेतु बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज-2025 लाया गया ताकि बड़ी संख्या में रोजगार सृजन हो सकें।

* हमारी सरकार के आगे के कार्यक्रमों में भी सबसे पहला निश्चय युवाओं को रोजगार देने का ही रहेगा। हमलोगों ने तय किया है कि अगले 5 वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार दिया जायेगा और हमलोग यह सुनिश्चित करेंगे कि राज्य के युवाओं को रोजगार के लिए अब मजबूरी में राज्य से बाहर नहीं जाना पड़े। 

* पिछले कुछ वर्षों में राज्य में औद्योगीकरण ने रफ्तार पकड़ी है। एन०डी०ए० की डबल इंजन सरकार की दुगुनी ताकत से राज्य में बड़े पैमाने पर उद्योग लगाये जायेंगे। 

* 'मेक इन इंडिया' के तहत रक्षा मंत्रालय एवं रक्षा हथियारों के उत्पादकों से समन्वय कर बिहार में रक्षा उपकरणों एवं हथियारों के निर्माण के लिये बिहार डिफेंस इन्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की जायेगी। इसके लिये सार्वजनिक निजी भागीदारी पर जोर दिया जायेगा।

* उड़ीसा, कर्नाटक एवं गुजरात की तर्ज पर बिहार में आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एवं सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाइयों के क्लस्टर की स्थापना की जायेगी। इसके लिये केन्द्र सरकार के इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन से जुड़कर बिहार में भी चिप निर्माण, पैकेजिंग व डिजाइन यूनिट आदि स्थापित की जायेंगी। इससे उच्च तकनीकी रोजगार, निवेश वृद्धि और औद्योगिक रूपांतरण को बढ़ावा मिलेगा। इसके लिये औद्योगिक कॉरिडोर, उच्च गुणवत्ता की आधारभूत संरचना, हाई क्वालिटी पावर सप्लाई, जल प्रबंधन एवं कुशल मानव संसाधन आवश्यक है, जो अब बिहार में उपलब्ध हैं।

* भारत सरकार के सहयोग से सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख कंपनियां यथा महारत्न, नवरत्न एवं मिनी रत्न उपक्रमों के माध्यम से बिहार में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की जायेगी। इससे बिहार में निवेश, रोजगार और औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा तथा स्थानीय संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा।

* बिहार के उद्यमी और निवेशक जो देश के विभिन्न राज्यों में सफलतापूर्वक उद्योग चला रहे हैं, उन्हें विशेष रूप से आमंत्रित कर राज्य में निवेश हेतु प्रोत्साहित किया जायेगा। इससे बिहार में नये उद्योग स्थापित होंगे एवं रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे।

* आज हमारी सरकार न सिर्फ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार दे रही है बल्कि सभी कर्मियों को समय पर वेतन और पेंशन भी दी जा रही है। इसके लिये बेहतर एवं दक्ष वित्तीय प्रबंधन सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि एक तरफ तो युवाओं को पर्याप्त नौकरी एवं रोजगार मिलता रहे तथा दूसरी तरफ विकास की योजनाओं हेतु राशि की कमी न हो एवं हमारा बिहार देश में सर्वाधिक विकसित राज्यों में शामिल हो सके।

* आज कल कुछ लोग युवाओं को बरगलाने के लिए सरकारी नौकरी और रोजगार को लेकर भ्रामक घोषणायें कर रहे हैं। जब 15 साल तक राज्य में उनकी सरकार थी तो उन्होंने युवाओं के हित में कोई काम नहीं किया और राज्य के खजाने को लूटने में व्यस्त रहे।

* मेरा अनुरोध है कि आप किसी भ्रम में नहीं रहें। हमारी सरकार ने जो आपके लिए काम किए हैं, उसे याद रखिए। आगे भी हमलोग ही काम करेंगे। हमलोग जो कहते हैं, वह पूरा करते हैं।

टॅग्स :बिहार विधानसभा चुनाव 2025नीतीश कुमारतेजस्वी यादवपटना
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