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Jharkhand Floor Test: सीएम केजरीवाल का भाजपा पर तंज, 'ईडी का इस्तेमाल करके कोई भी सरकार गिरा देंगे'

By धीरज मिश्रा | Updated: February 5, 2024 16:50 IST

Jharkhand Floor Test: झारखंड में चम्पाई सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार ने 47 विधायकों के समर्थन से विश्वास मत जीत लिया है। इसके बाद से इंडिया गठबंधन से शामिल पार्टियों के शीर्ष नेताओं के बयान आने शुरू हो गए हैं।

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ठळक मुद्देझारखंड सरकार ने 47 विधायकों के समर्थन से विश्वास मत जीत लियासीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि झारखंड सिटिंग सीएम को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गयाइनकी पूरी कोशिश सरकार गिराने की थी लेकिन जेएमएम के विधायक टूटे नहीं

Jharkhand Floor Test: झारखंड में चम्पाई सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार ने 47 विधायकों के समर्थन से विश्वास मत जीत लिया है।

इसके बाद से इंडिया गठबंधन से शामिल पार्टियों के शीर्ष नेताओं के बयान आने शुरू हो गए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सिटिंग सीएम को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया।

ईडी का इस्तेमाल करके ऐसे तो ये कोई भी सरकार गिरा देंगे। इनकी पूरी कोशिश सरकार गिराने की थी। लेकिन जेएमएम के विधायक टूटे नहीं। देश के अंदर जो तानाशाही चल रही है, ईडी का इस्तेमाल कर जो सरकार को गिराया जा रहा है, यह देश के लिए सही नहीं है। 

झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि फ्लोर टेस्ट में वही हुआ जो हमने सोचा था। हम पहले दिन ही समर्थन पत्र लेकर राज्यपाल के पास पहुंचे थे। हमने उन्हें बताया था कि 43 ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं और हमारे पास 47 विधायक हैं। आज वही बहुमत साबित हुआ।

झारखंड सरकार में मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि भाजपा ने जो साजिश रची थी वह आज लोकतंत्र के मंदिर में बेनकाब हो गई। भाजपा विधायकों को डरा, धमका, अपमानित, प्रताड़ित कर,  कोई अप्रिय घटना कर के ये राज्य को राष्ट्रपति शासन की ओर ले जाना चाहते थे। लेकिन यह जनता के लिए, जनता द्वारा चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकार है। यह सरकार मजबूती से खड़ी थी और खड़ी रहेगी।

जेएमएम सांसद महुआ माजी ने कहा कि यह लोकतंत्र की जीत है। जिस तरह से सभी विधायक एकजुट रहे, यह हेमंत सोरेन की सुझबूझ से ही संभव हुआ है। कांग्रेस, राजद और सभी ने जिस तरह से मिलकर रणनीति बनाई असंभव को संभव कर दिखाया।

 

दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जिस तरीके से हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करने के बाद वहां पर राजनीतिक नौटंकी चली। इससे ये बात साफ हो जाती है कि ईडी का असली मकसद हेमंत सोरेन की सरकार गिराना था और ये सुनिश्चित करना था कि उनकी सरकार दोबारा ना बने। ऐसा हो नहीं पाया इसलिए अब केंद्र सरकार खिसिया रही है।

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