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CJI एसए बोबडे ने देश के अगले मुख्‍य न्यायाधीश के नाम की सिफारिश की, जानें कौन होंगे अगले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया

By अनुराग आनंद | Published: March 24, 2021 12:35 PM

सीजेआई एसए बोबडे ने भारत सरकार के समक्ष अगले मुख्‍य न्यायाधीश के नाम की सिफारिश की है।

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ठळक मुद्देजस्टिस एनवी रमण का सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के तौर पर कार्यकाल 26 अगस्त 2022 तक है।सीजेआई एसए बोबडे के बाद न्यायमूर्ति एन वी रमण शीर्ष न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं।

नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने अपने बाद देश के अगले सीजेआई (CJI) के नाम की सिफारिश भारत सरकार से कर दी है। अपने सिफारिश में जस्टिस ने भारत के अगले मुख्‍य न्यायाधीश के लिए न्यायमूर्ति नथालपति वेंकट रमण के नाम की सिफारिश की है।

दरअसल, एक माह बाद 23 अप्रैल को न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। सीजेआई बोबडे के बाद न्यायमूर्ति एन वी रमण शीर्ष न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं। जस्टिस रमण का सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के तौर पर कार्यकाल 26 अगस्त 2022 तक है।

न्यायमूर्ति एन वी रमण को 4 दशक से अधिक का अनुभव-

न्यायमूर्ति एन वी रमण ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट, आंध्र प्रदेश एडमिनिस्ट्रेटिव ट्राइब्यूनल के अलावा सुप्रीम कोर्ट में भी वकालत की थी। उन्होंने संवैधानिक, आपराधिक और इंटर-स्टेट नदी जल बंटवारे के कानूनों का खास जानकार माना जाता है। करीब 45 साल का लंबा अनुभव रखने वाले एनवी रमना सुप्रीम कोर्ट के कई अहम फैसले सुनाने वाली संवैधानिक बेंच का हिस्सा रहे हैं।

कई बार न्यायमूर्ति एन वी रमण पर उठाए गए थे सवाल-

बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी भेज कर आंध्र हाई कोर्ट में जस्टिस रमना के दखल की शिकायत की थी। अमरावती जमीन घोटाले में भी उनके परिवार के कुछ सदस्यों की भूमिका का आरोप लगाया जा रहा था। उनके नाम की सिफारिश से साफ है कि चीफ जस्टिस ने शिकायत को खारिज कर दिया है।

फरवरी 2017 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था-

जस्टिस नाथुलापति वेकट रमण का जन्म अविभाजित आंध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िले में अगस्त 27, 1957 को हुआ था। 2 फरवरी 2017 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। फिलहाल उनके कार्यकाल के एक ही साल बचे हैं क्योंकि 26 अगस्त 2022 में वो सेवानिवृत्त होने वाले हैं। वकालत का काम उन्होंने 10 फरवरी 1983 में शुरू किया। था।

टॅग्स :सुप्रीम कोर्टशरद अरविंद बोबडेभारत
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