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Lockdown: चूरू जिला कलेक्टर की अनूठी पहल, 'गिव अप समथिंग' अभियान की शुरुआत, लोगों का समर्थन

By भाषा | Updated: April 11, 2020 17:15 IST

कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के दौरान राजस्थान में चूरू के जिला कलेक्टर ने एक अनूठी पहल 'गिव अप समथिंग' की शुरुआत की है, जिसे अब लोग काफी पसंद कर रहे हैं। ऐसे में लोग इस अभियान को काफी समर्थन दे रहे हैं।

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ठळक मुद्देअपनी चीजें एवं संसाधन बचाकर दूसरों की मदद करने के लिए चूरू के जिला कलेक्टर ने एक अनूठी पहल 'गिव अप समथिंग' की शुरुआत की है।इस पहल का उद्देश्य लॉकडाउन के मौजूदा समय में लोगों को मानवता के हित में कुछ त्याग करने का संकल्प दिलाना है।

जयपुर: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के दौरान अपनी चीजें एवं संसाधन बचाकर दूसरों की मदद करने के लिए चूरू के जिला कलेक्टर ने एक अनूठी पहल 'गिव अप समथिंग' की शुरुआत की है।

इसे इलाके के लोगों से अच्छा समर्थन मिला है और वे भी कुछ न कुछ बचाकर या छोड़कर जरूरतमंद लोगों की मदद को आगे आ रहे हैं। इस पहल का उद्देश्य लॉकडाउन के मौजूदा समय में लोगों को मानवता के हित में कुछ त्याग करने का संकल्प दिलाना है। चुरू के जिला कलक्टर संदेश नायक ने कहा, 'हमारे लिए यह समय कुछ न कुछ ऐसा छोड़ने या त्यागने का है जिसके बिना भी हम रह सकते हैं।' 

उन्होंने कहा कि संकट के इस समय में हमें संसाधनों को बचाना चाहिए और उपलब्ध चीजों का इस्तेमाल विवेकपूर्ण तरीके से करना चाहिए। जिलाधिकारी ने इसकी पहल अपना दोपहर का भोजन देकर की है और लोगों को भी इसी तरह के कदम उठाने को प्रेरित किया है।

उन्होंने कहा कि तीन दिन पहले शुरू की गई इस पहल को जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ जिले के लोगों, कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने कहा कि पहल का मूल विचार यही है कि मौजूदा बंदी के दौरान चीजों या सामान आदि के विवेकपूर्ण उपयोग के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए और उन्हें दूसरों की मदद करने के लिए प्रेरित किया जाए। 

नायक ने कहा, 'हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं कि इस बंदी के दौरान कोई भी भूखा न सोए और लोगों को यह समझना चाहिए कि इस समय जिन चीजों के बिना रहा जा सकता है, उनके बिना रहना भी चाहिए।' उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते चूरू शहर और सरदारशहर शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। कलक्टर ने कहा कि जब बंदी और कर्फ्यू के कारण लोग घरों में बंद रहे तो उन्हें या अधिकारियों को फोन करते कि फल, चॉकलेट, सब्जी या आईसक्रीम नहीं मिल रही है। 

उस वक्त उन्हें लगा कि हमें उपलब्ध संसाधनों सामान का विवेकपूर्ण इस्तेमाल करते हुए लोगों को उन चीजों को छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए जिनका बिना भी वे रह सकते हैं या उनका काम चल सकता है। संसाधनों के अलावा, कलेक्टर ने कहा कि उन्होंने लोगों से बंदी की अवधि में नशे या बुरी लतोंक को छोड़ने की भी अपील की है। यह अभियान अंटार्कटिक अभियान पर गए राजीव बिरदा की पहल से प्रेरित है जिन्होंने अपने अंटार्कटिक अभियान की अपनी टी-शर्ट, दस्ताने, मास्क और अन्य चीजों को नीलाम कर इसकी राशि कोरोना वायरस के खिलाफ अभियान के लिए राज्य सरकार के कोष को देने की घोषणा की है।

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