नई दिल्ली। कथित मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार एक चीनी नागरिक को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि चीनी शख्स तिब्बती भिक्षुओं को रिश्वत दे रहा था और इसके साथ ही दलाई लामा व उनके सहयोगियों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रहा रहा था। आयकर विभाग के सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, आयकर विभाग के सूत्रों के बताया कि दिल्ली के मजनू का टीला इलाके के पास रहने वाले कई लोगों को 2-3 लाख के बीच रुपये दिए गए हैं। अब विभाग इन लोगों को पहचानने की कोशिश में लगा हुआ है।
जासूसी के मामले में पहले भी हो चुका है गिरफ्तार
बता दें कि दिल्ली में मंगलवार को आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान लुओ संग को गिरफ्तार किया गया था, जो फर्जी तरीके से चार्ली पेंग के नाम से रह रहा था। दिल्ली पुलिस ने बताया है कि वह जासूसी के मामले में सितंबर 2018 में गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल जमानत पर बाहर था।
मिजोरम की महिला से शादी कर बनवाया डॉक्यूमेंट
जांच में पता चला है कि लुओ संग साल 2014 में नेपाल के रास्ते अवैध तरीके से भारत में प्रवेश किया था। इसके बाद लुओ ने मिजोरम की एक महिला से शादी की और मणिपुर से फर्जी पासपोर्ट के साथ भारतीय पहचान प्राप्त हासिल कर लिया। इसके साथ ही उसने इसी नाम से आधार कार्ड और पैन कार्ड भी बनवा लिया।
लुओ संग के ऑफिस में काम करने वालों ने पहुंचाया पैसा
आईटी विभाग ने सरकारी एजेंसियों को बताया है कि तिब्बती भिक्षुओं के लिए रिश्वत का पैसा लुओ संग के ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों के माध्यम से भेजा गया था। इसके साथ ही विभाग ने बताया है कि कोरियर कंपनी ने स्वीकार किया है कि उसके जरिए नकदी का लेन-देन किया गया है।
पूरा गैंग चीनी ऐप 'वी चैट' के जरिए करता था बात
सूत्रों ने बताया है कि पूरा गैंग बातचीत के लिए चीनी ऐप 'वी चैट' का इस्तेमाल करता था। विभाग ने दिल्ली के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को भी ट्रैक किया है, जो मनी लॉन्ड्रिंग में इस गैंग की मदद कर रहा था। उस व्यक्ति से पूछताछ की जा रही है और उसे गिरफ्तार किया जाना बाकी है, जो 40 से अधिक बैंक खातों का संचालन कर रहा था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन्हीं 40 बैंक अकाउंट के माध्यम से 300 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया है। लेन-देन के लिए कुछ चीनी फर्मों का इस्तेमाल किया गया है, इनमें से कुछ का पता लगाया जा चुका है।