पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लेह का दौरा कर एक बार फिर सभी को चौंका दिया। दरअसल, इस बारे में कोई सूचना पूर्व में नहीं दी गई थी। पीएम मोदी ने हालांकि शुक्रवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे के साथ लेह पहुंच गए और खुद स्थिति का जायजा लिया।
चीन अब पीएम मोदी के इस कदम पर तिलमिला गया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने पीएम मोदी के दौरे पर पूछे गए सवाल पर कहा कि किसी भी पक्ष को हालात बिगाड़ने वाला कदम नहीं उठाना चाहिए। झाओ ने कहा, 'भारत और चीन मिलिट्री और डिप्लोमेटिक रास्ते से तनाव को कम करने की कोशिश में जुटे हैं। ऐसे में किसी भी पक्ष को कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे हालात और खराब हों।'
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में भारतीय एवं चीनी बलों के बीच हिंसक झड़प के कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार लेह पहुंचे हैं। सूत्रों ने बताया कि मोदी सुबह करीब साढ़े नौ बजे लेह पहुंचे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री निमू में एक अग्रिम स्थल पर गए और थलसेना, वायुसेना एवं आईटीबीपी के कर्मियों से बात की। यह जगह सिंधु नदी के तट पर 11,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और सबसे दुर्गम स्थानों में से एक है। यह जंस्कार पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है।
गौरतलब है कि पिछले महीने भारत और चीन के सौनिकों बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गये थे। चीन के जवान भी हताहत हुए हैं। चीन ने हालांकि अब तक इस संबंध में कोई पुष्टि की है। सूत्रों के अनुसार चीन के 40 से ज्यादा जवान या तो मारे गये हैं या घायल हुए हैं। बताते चलें कि इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के लेह जाने की खबरें थी। हालांकि, गुरुवार को इस दौरे को टाल दिया गया था।