रायपुर: प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सोमवार को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं के घरों में छापेमारी का मुद्दा अब राजनीतिक गलियारों में तूल पकड़ चुका है। ईडी द्वारा कोयला लेवी धनशोधन मामले में हो रही इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर तंज कसा है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भारतीय जनता पार्टी को घेरते हुए कहा,"रायपुर में तीसरे दर्जे की प्रतिशोध की राजनीति हो रही है, जिसका उदाहरण हमारे सामने है।
वहीं, प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बीजेपी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अधिवेशन से ठीक चार दिन पहले ये जांच करने की क्या आवश्यकता थी? जिन मामलों की बात वो कर रहे हैं, उसकी जांच 1-2 महीने पहले या 1-2 महीने बाद भी तो कर सकते थे।
गौरतलब है कि रायपुर में कांग्रेस के तीन दिवसीय पू्र्ण सत्र से कांग्रेस के नेताओं के घरों और अन्य जगहों पर ईडी ने छापेमारी की है। 24 फरवरी से शुरू होने वाले कार्यक्रम में 10,000 से अधिक कांग्रेस पदाधिकारी और वरिष्ठ नेता भाग लेने के लिए तैयार है और इसके लिए पार्टी तैयारियों में जुटी हुई है। ऐसे में कार्यक्रम से पहले इस कार्रवाई पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं।
जयराम रमेश ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे नहीं पता ये छापेमारी कब तक जारी रहेगी। इन छापों ने हमें प्रधानमंत्री के प्रति और भी अधिक आक्रामक बना दिया है। प्रतिशोध और उत्पीड़न की उनकी तीसरे दर्जे की राजनीति के लिए ये हमें बूस्टर डोज की खुराक दी गई है।
पीएम ईडी को वहां नहीं भेजते जहां जरूरत- जयराम रमेश
राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने कहा कि पीएम ईडी को वहां नहीं खोलते जहां इसकी आवश्कता होती है। उनके पास फेयर एंड लवली स्कीम है। जिन पर पूर्व में ईडी की नकेल कसी गई, वो बीजेपी में शामिल होने के बाद बेगुनाह हो गए। बीजेपी वाशिंग मशीन की तरह उन नेताओं को पार्टी में शामिल करके वर्णित करती है जिन पर पहले से कई आरोप लगे होते हैं।
गौरतलब है कि एक ओर जहां ईडी राज्य में छापेमारी कर रही है, वहीं, सीएम भूपेश बघेल मीडिया से बात करते हुए बीजेपी पर निशाना साधने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष, पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष और एक विधायक सहित मेरे कई साथियों के आवासीय परिसरों में ईडी ने तलाशी ली है।
चार दिनों के बाद रायपुर में कांग्रेस का महाधिवेशन है। तैयारियों में जुटे साथियों के मनोबल को कमजोर करने के लिए किया जा रहा लेकिन इस तरह की हरकतों से सत्र की तैयारियों में लगे हमारे साथियों को रोककर हमारा हौसला नहीं तोड़ा जा सकता।