Chhattisgarh: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार, 26 मार्च को छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के घर छापेमारी की है। पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यालय की ओर से खुद जानकारी साझा की गई है। जांच एजेंसी की टीमें भूपेश बघेल के रायपुर और भिलाई स्थित आवास के साथ ही एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और पूर्व मुख्यमंत्री के एक करीबी सहयोगी के आवासीय परिसरों पर पहुंचीं। हालांकि, सीबीआई ने यह नहीं बताया कि किस मामले में छापेमारी की जा रही है।
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए भूपेश बघेल के कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा कि सीबीआई अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक के लिए गठित प्रारूप समिति की बैठक के लिए उनके दिल्ली जाने से पहले उनके आवास पर पहुंची।
बयान में कहा गया, "पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद (गुजरात) में होने वाली एआईसीसी की बैठक के लिए गठित प्रारूप समिति की बैठक के लिए आज दिल्ली जाने वाले हैं। उससे पहले ही सीबीआई रायपुर और भिलाई स्थित आवास पर पहुंच गई है।"
गौरतलब है कि हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने कथित शराब घोटाले के सिलसिले में भूपेश बघेल के आवास पर छापेमारी की थी। कांग्रेस ने 15 सदस्यीय मसौदा समिति गठित की है। इस समिति में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल और छत्तीसगढ़ के प्रभारी महासचिव सचिन पायलट को शामिल किया गया है। रणदीप सुरजेवाला को संयोजक बनाया गया है। समिति राष्ट्रीय अधिवेशन के मुद्दों, आगामी चुनावों की तैयारी समेत भावी रणनीति, राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर पार्टी का रुख, पार्टी के घोषणापत्र को और मजबूत बनाने, प्रतिद्वंद्वी और सत्तारूढ़ पार्टी की खामियों के खिलाफ सबूतों के साथ जवाब तैयार करने का मसौदा तैयार करेगी। बताया गया है कि अहमदाबाद अधिवेशन में 3,000 से अधिक नेता शामिल होंगे।
ईडी ने पहले की थी छापेमारी
10 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने कथित शराब घोटाले मामले में उनके बेटे के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप की जांच के तहत भिलाई शहर में बघेल के आवास पर छापा मारा था। उन्होंने बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत चैतन्य बघेल के कथित करीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल सहित 13 अन्य स्थानों पर भी तलाशी ली गई। तलाशी करीब आठ घंटे तक चली, जिसके दौरान ईडी ने करीब 30 लाख रुपये नकद और कुछ दस्तावेज जब्त किए। छापेमारी के बाद, अपुष्ट खबरें थीं कि ईडी ने चैतन्य को अपना बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था।
छापेमारी के दौरान अपने घर पर मौजूद भूपेश बघेल ने दावा किया है कि जांच एजेंसी की कार्रवाई भाजपा की हताशा का नतीजा है।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने 11 मार्च को कार्रवाई के विरोध में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और ईडी के पुतले जलाए थे। ईडी के अनुसार, कथित शराब घोटाला 2019 और 2022 के बीच रचा गया था, जब छत्तीसगढ़ में सीएम बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी।
एजेंसी ने पहले कहा था कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के कारण राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और अपराध से प्राप्त 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेबों में भर गई।