बेंगलुरुः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स में चंद्रयान-3 मिशन में शामिल इसरो टीम की महिला वैज्ञानिकों से मुलाकात की। चंद्रयान-3 प्वाइंट को 'शिवशक्ति' प्वाइंट और चंद्रयान-2 प्वाइंट को 'तिरंगा' नाम दिया है। 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाने की भी घोषणा की।
भारत नवाचार और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में एक वैश्विक लीडर बन जाएगा। अंतरिक्ष स्टार्ट-अप की संख्या 150 से अधिक हो गई है। कृषि समेत हर क्षेत्र, नीतियों के विकास में अंतरिक्ष क्षेत्र अहम भूमिका निभाता है। चंद्रयान-3 की सफलता मानवता की सफलता है। इसरो की सफलता भारत की नींव बन गई है। इसरो की इस सफलता से भारत विश्व मानचित्र पर पांचवीं सबसे शक्तिशाली अर्थव्यवस्था बन गया है।
भारत अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में देशों की पहली पंक्ति में पहुंच गया है।” पीएम मोदी ने आज बेंगलुरु के इसरो कमांड सेंटर के दौरे के दौरान वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करते हुये यह बात कही।पीएम मोदी ने बेंगलुरु में इसरो मुख्यालय में बड़ी संख्या में महिला वैज्ञानिकों और इंजीनियरों से मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि इस मिशन की महिला वैज्ञानिकों ने इसकी सफलता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे पहले पीएम मोदी ने इस आश्चर्यजनक सफलता के लिए इसरो के अध्यक्ष एस.सोमनाथ और चंद्रयान-3 मिशन के परियोजना निदेशकों और वैज्ञानिकों को बधाई दी।
पीएम ने अपनी टिप्पणी में कहा कि इसरो ने प्रौद्योगिकी में नए नवाचारों से पूरे देश को गौरवान्वित और जागरूक महसूस कराया है। इसरो और इसरो वैज्ञानिकों के इस ज्ञान और मार्गदर्शन से आने वाली पीढ़ी वट वृक्ष बनेगी। मिशन को सफल बनाने के लिए दक्षिण भारत से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक की ये यात्रा आसान नहीं थी।
वैज्ञानिकों ने कृत्रिम चंद्रमा बनाया और कई प्रयोग किये। कोई कसर नहीं छोड़ने के लिए वैज्ञानिकों ने विक्रम लैंडर की प्रतिकृति को कृत्रिम चंद्रमा की सतह पर उतारा और विभिन्न परीक्षण किए गए। उन्होंने हमारे देश के गर्वनेंस और युवाओं को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय हैकथॉन आयोजित करने का आग्रह किया।
उन्होंने देश के वैज्ञानिकों और युवाओं से पृथ्वी और गहरे समुद्र का अधिक से अधिक अन्वेषण करने और इन क्षेत्रों को नए आयाम देने का आग्रह किया। पीएम मोदी ने आगे कहा कि केंद्र सरकार अंतरिक्ष विज्ञान को समर्थन देने और युवाओं को बढ़ावा देने के लिए है. सरकार अंतरिक्ष क्षेत्र में नए सुधार ला रही है।
अंतरिक्ष क्षेत्र को अगली पीढ़ी के कंप्यूटर डिजाइन करने चाहिए और जेनेटिक इंजीनियरिंग में प्रभाव डालना चाहिए। पीएम मोदी ने इसरो वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को बधाई दी और उनकी सराहना की और कहा कि इसरो वैज्ञानिक आज के युवाओं के आदर्श हैं।
इसरो के प्रयासों से लोग चंद्रमा की वो तस्वीरें देख रहे हैं जो हम कभी सपने में देखा करते थे। अंत में इसरो चेयरमेन एस.सोमनाथ और प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने चंद्रयान 3 की प्रतिमूर्ति या रेप्लिका और चंद्रयान से भेजे चांद के चित्र प्रधानमंत्री को भेंट किये।