नई दिल्ली, 5 अप्रैलः केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) आईसीआईसीआई बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ चंदा कोचर के देवर से वीडियोकॉन मामले में गुरुवार को पूछताछ कर रही है। सीबीआई की यह पूछताछ मुंबई में की जा रही है। सीबीआई ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के खिलाफ कथित आर्थिक धोखाधड़ी मामले में प्राथमिक जांच (पीई) का मामला दर्ज किया है।आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन समूह के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत को नियमों की अनदेखी करके लोन दिया गया था और उसके एवज में धूत ने दीपक कोचर की कंपनी में कई करोड़ों का निवेश किया था। सीबीआई के प्राथमिक जांच में चंदा कोचर का नाम नहीं है।
आपको बता दें कि चंदा कोचर पर आरोप है कि उन्होंने वीडियोकॉन समूह के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत को आईसीआईसीआई बैंक से नियमों की अनदेखी करके लोन दिया गया था और उसके एवज में धूत ने दीपक कोचर की कंपनी में कई करोड़ों का निवेश किया था।
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आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत को साल 2012 में 3250 करोड़ रुपये का लोन दिया था। लोन मिलने के छह महीने बाद धूत की कंपनी ने आईसीआईसीआई की सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी में कई करोड़ का निवेश किया। जिस कंपनी में निवेश किया गया उसके प्रमोटरों में चंदा कोचर के पति और दो अन्य रिश्तेदार प्रमोटर थे। वीडियोकॉन समूह को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व वाले 20 बैंकों के कन्सॉर्शियम से 40 हजार करोड़ रुपये लोन मिले थे।
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धूत ने साल 2010 में नूपॉवर रिन्यूबेल्स प्राइवेट लिमिटेड (एनआरपीएल) को 64 करोड़ रुपये दिए थे। इस कंपनी को धूत ने दीपक कोचर और कोचर के दो रिश्तेदारों के साथ मिलकर बनाया था। आरोप है कि धूत ने कंपनी का मालिकाना हक़ छह महीने बाद महज नौ लाख रुपये में एक ट्रस्ट को स्थानांतरित कर दिया जो दीपक कोचर का है। वेणुगोपाल धूत ने भी दीपक कोचर की कंपनी में किसी तरह का निवेश करने के आरोप से इनकार किया है।