ICICI-Videocon Case: 3250 करोड़ कर्ज के एवज में चंदा कोचर के पति के नाम कंपनी, सात बिंदुओं में समझें पूरा मामला

By आदित्य द्विवेदी | Published: March 29, 2018 03:54 PM2018-03-29T15:54:55+5:302018-03-29T15:54:55+5:30

आईसीआईसीआई बैंक के बोर्ड ने एक बयान जारी कर कहा कि उसे बैंक की एमडी चंदा कोचर पर पूरा भरोसा है।

ICICI bank and Videocon deal simplification: All you need to know about Chanda kochhar conflict of interest | ICICI-Videocon Case: 3250 करोड़ कर्ज के एवज में चंदा कोचर के पति के नाम कंपनी, सात बिंदुओं में समझें पूरा मामला

ICICI-Videocon Case: 3250 करोड़ कर्ज के एवज में चंदा कोचर के पति के नाम कंपनी, सात बिंदुओं में समझें पूरा मामला

नई दिल्ली, 29 मार्च: दिसंबर 2008 में वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत ने आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के साथ एक कंपनी शुरू की। इस कंपनी को धूत की एक कंपनी ने 64 करोड़ रुपये का कर्ज दिया और बाद में इसे दीपक कोचर के ट्रस्ट को 9 लाख रुपये में बेच दिया गया। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में अपनी एक रिपोर्ट में 'हितों के टकराव' का खुलासा किया है। दीपक कोचर के नाम कंपनी ट्रांसफर करने के 6 महीने पहले वीडियोकॉन ग्रुप को आईसीआईसीआई बैंक ने 3250 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। इसमें से 2810 करोड़ रुपये एनपीए घोषित कर दिया गया। 

बैंक ने चंदा कोचर पर लगे आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। आईसीआईसीआई बैंक के बोर्ड ने एक बयान जारी कर कहा कि उसे बैंक की एमडी चंदा कोचर पर पूरा भरोसा है। मीडिया में आई खबरें महज अफवाह हैं। बोर्ड ने कहा कि हमने कर्ज मंजूर करने की बैंक की आंतरिक प्रक्रिया पर दोबारा गौर किया है। यह प्रक्रिया पूरी तरह से मजबूत है। चंदा कोचर के मामलों में हितों का कोई टकराव नहीं हुआ। इन 7 बिंदुओं में जानें ICICI-Videocon मामला... (इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के आधार पर)

1. वीडियोकॉन ग्रुप की पांच कंपनियों को अप्रैल 2012 में 3250 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया था। कंपनियों ने इस कर्ज का 86 प्रतिशत (2810 करोड़) नहीं चुकाया। इसे 2017 में एनपीए (नॉन परफार्मिंग एसेट्स) घोषित कर दिया गया।

2. वीडियोकॉन ग्रुप के मालिक वेणुगोपाल धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के साथ मिलकर न्यू पॉवर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी बनाई। इसमें दोनों की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी थी और दीपक कोचर एमडी बनाए गए।

3. वेणुगोपाल धूत ने 2009 में इस कंपनी में डायरेक्टर का पद छोड़ दिया और 24,999 शेयर्स को महज 2.5 लाख रुपये में न्यू पॉवर एनर्जी को ट्रांसफर कर दिए। 

4. 2009 में वेणुगोपाल धूत की दूसरी कंपनी सुप्रीम एनर्जी ने न्यू पॉवर रिन्यूएबल्स को 64 करोड़ रुपये का लोन दिया। इसके बाद धूत ने सुप्रीम एनर्जी में अपनी हिस्सेदारी महेशचंद्र पुंगलिया को दे दी।

5. इसके बाद 2012 में पुंगलिया ने सुप्रीम एनर्जी कंपनी की हिस्सेदारी दीपक कोचर की पिनैकल ट्रंस्ट के नाम कर दी गई। कंपनी के 95 फीसदी शेयर महज 9 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिए गए। इस तरह सुप्रीम एनर्जी से न्यू पॉवर रिन्यूएबल्स को मिले 64 करोड़ रुपये के कर्ज के कोई मायने नहीं रह गए।

6. इस मामले में इंडियन एक्सप्रेस ने आईसीआईसीआई बैंक को विस्तार से एक प्रश्नावली भेजी थी। जिसके बाद बैंक के बोर्ड ने एक बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि चंदा कोचर पर उन्हें पूरा भरोसा है। मीडिया में आई खबरें महज अफवाह हैं। चंदा कोचर के मामलों में हितों का कोई टकराव नहीं हुआ है।

7. बोर्ड ने अपनी विज्ञप्ति में कहा है कि वीडियोकॉन को 3250 करोड़ रुपये का कर्ज बैंको के एक कंजोर्शियम ने दिया था। इसकी अगुवाई आईसीआईसीआई बैंक ने नहीं की थी।

Web Title: ICICI bank and Videocon deal simplification: All you need to know about Chanda kochhar conflict of interest

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