नई दिल्ली: राजीव गांधी हत्याकांड के सभी दोषियों को रिहा करने के 11 नवंबर के आदेश के खिलाफ केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की। पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी छह दोषियों को रिहा कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के दोषी एस नलिनी, जयकुमार, आरपी रविचंद्रन, रॉबर्ट पियास, सुथेंद्रराजा और श्रीहरन तीन दशक बाद रिहा हो गए। कोर्ट के इस आदेश पर देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने आलोचना की थी।
कांग्रेस की आलोचना का सामना कर रही सरकार ने गुरुवार को राजीव गांधी हत्या मामले में छह दोषियों की समय से पहले रिहाई के अपने आदेश की समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। केंद्र ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या करने वाले दोषियों को छूट देने का आदेश मामले में एक आवश्यक पक्षकार होने के बावजूद उसे सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिए बिना पारित किया गया।
सरकार ने कथित प्रक्रियात्मक चूक को उजागर करते हुए कहा कि छूट की मांग करने वाले दोषियों ने औपचारिक रूप से केंद्र को एक पक्ष के रूप में शामिल नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप मामले में उसकी गैर-भागीदारी हुई। आपको बता दें कि तमिलनाडु सरकार ने उनकी सजा में छूट की सिफारिश की थी।