एलोपैथी पर अवैज्ञानिक बयान देने के लिए रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करे केंद्र : आईएमए

By भाषा | Published: May 22, 2021 08:51 PM2021-05-22T20:51:22+5:302021-05-22T20:51:22+5:30

Center to take action against Ramdev for making unscientific statement on allopathy: IMA | एलोपैथी पर अवैज्ञानिक बयान देने के लिए रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करे केंद्र : आईएमए

एलोपैथी पर अवैज्ञानिक बयान देने के लिए रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करे केंद्र : आईएमए

नयी दिल्ली, 22 मई भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को योग गुरु रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि उन्होंने एलोपैथी के खिलाफ ‘‘गैर जिम्मेदाराना’’ बयान दिए और वैज्ञानिक चिकित्सा की छवि बिगाड़ी।

वहीं, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशनों ने भी रामदेव के बयान की निंदा करते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

डॉक्टरों की शीर्ष संस्था ने एक बयान में कहा कि रामदेव पर महामारी रोग कानून के तहत मुकदमा चलाना चाहिए क्योंकि ‘‘अज्ञानता भरे’’ बयान ‘‘देश के शिक्षित समाज के लिए एक खतरा है और साथ ही गरीब लोग इसका शिकार हो रहे हैं।’’

आईएमए ने सोशल मीडिया पर चल रही एक वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि रामेदव कह रहे हैं कि ‘‘एलोपैथी एक बकवास चिकित्सा पद्धति है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि एलोपैथी की दवाएं लेने के बाद लाखों लोगों की मौत हो गई। आईएमए ने कहा कि रामदेव ने दावा किया कि भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा स्वीकृत रेमडेसिविर, फैविफ्लू और सभी अन्य दवाएं कोविड-19 मरीजों के इलाज में विफल हो गई हैं।

आईएमए ने कहा, ‘‘केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री (हर्षवर्धन), जो खुद आधुनिक चिकित्सा पद्धति एलोपैथी के डॉक्टर रह चुके हैं और स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रमुख हैं, वे या तो इन सज्जन की चुनौती और आरोप स्वीकार करें और आधुनिक चिकित्सा की सुविधा भंग कर दें या ऐसी अवैज्ञानिक बातों से लाखों लोगों को बचाने के लिए उन पर महामारी कानून के तहत मुकदमा दर्ज करें।’’

उसने आरोप लगाया कि रामदेव स्थिति का फायदा उठाने और व्यापक पैमाने पर लोगों के बीच डर तथा आक्रोश पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

आईएमए ने कहा कि वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं ‘‘ताकि वह अपनी गैरकानूनी और गैर मान्यता प्राप्त तथाकथित दवाएं बेच सकें और लोगों की जान की कीमत पर पैसा कमा सकें।’’

उसने कहा, ‘‘आईएमए मांग करती है और यह संकल्प लेती है कि अगर मंत्री (हर्षवर्धन) स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई नहीं कर रहे हैं तो हमें आम आदमी के समक्ष सच्चाई लाने के लिये लोकतांत्रिक माध्यमों का सहारा लेना पड़ेगा और न्याय पाने के लिए न्यायपालिका का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।’’

एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा, ''हम चिकित्सा बिरादरी, स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों की ओर से उनके खिलाफ जल्द से जल्द से कड़ी कार्रवाई की मांग कर करते हैं।''

एसोसिएशन ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि झूठी जानकारी फैला रहीं इस तरह की वीडियो पर लगाम लगाई जाए।

एसोसिएशन ने कहा, ‘‘ रामदेव के खिलाफ महामारी अधिनियम, 1987 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिये। हम उनसे बिना शर्त माफी मांगने की मांग करते हैं। ऐसा न होने पर हम विरोध प्रदर्शन का आह्वान करेंगे।’’

सफदरजंग अस्पताल के आरडीए ने कहा कि रामदेव के बयान को ‘नफरती बयान'' माना जाना चाहिये।

अस्पताल के आरडीए ने एक बयान में कहा, ''रामदेव बाबा के बयान को नफरत फैलाने वाला माना जाना चाहिये। हम संबंधित अधिकारियों से उनके खिलाफ महामारी रोग अधिनियम, 1987 की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज करने की मांग करते हैं। हम रामदेव से मांग करते हैं कि वह एलोपैथी की प्रैक्टिस करने वालों से बिना शर्त माफी मांगें।

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Web Title: Center to take action against Ramdev for making unscientific statement on allopathy: IMA

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