लाइव न्यूज़ :

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- 500 और 1000 के नोट के चलन में अत्यधिक वृद्धि भी नोटबंदी के लिए अहम वजहों में से एक

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 17, 2022 10:10 AM

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दिए एक हलफनामे में 2016 में की गई नोटबंदी को लेकर जवाब दिए हैं। केंद्र ने कहा है कि नोटबंदी का फैसला सोच-समझकर लिया गया था। सरकार ने नोटबंदी के फैसले के पीछे की वजहें भी बताई है।

Open in App
ठळक मुद्देसुप्रीम कोर्ट में नोटबंदी के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर केंद्र सरकार ने दिया जवाब।सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी, केंद्र ने कहा कि नोटबंदी का फैसला बहुत सोच-समझकर लिया गया था।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को कहा कि 500 और 1000 के नोटों के चलन में अत्यधिक वृद्धि एक अहम वजह थी जिसे देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने केंद्र से इन दो तरह के नोटों को हटाने की अनुशंसा की। साथ ही केंद्र ने कहा कि 2016 में की गई नोटबंदी एक बहुत ही सोच-विचार करके लिए गया फैसला था और यह जाली नोट, आतंकवाद के वित्तपोषण, काले धन और कर चोरी जैसी समस्याओं से निपटने की बड़ी रणनीति का हिस्सा था। 

केंद्र ने कहा कि नोटबंदी का यह फैसला भारतीय रिजर्व बैंक के साथ गहन विचार- विमर्श के बाद लिया गया था और नोटबंदी से पहले इसकी सारी तैयारियां कर ली गई थीं। केंद्र ने नोटबंदी के फैसले को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं के जवाब में दायर हलफनामे में यह बात कही है। पांच जजों की बेंच केंद्र की ओर से दिए जवाब को देखेगी।

हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा, ‘नोटबंदी करना जाली करेंसी, आतंक के वित्तपोषण, काले धन और कर चोरी की समस्याओं से निपटने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा और एक प्रभावी उपाय था। लेकिन यह केवल इतने तक सीमित नहीं था। परिवर्तनकारी आर्थिक नीतिगत कदमों की श्रृंखला में यह अहम कदमों में से एक था।’ 

सरकार ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 48 करोड़ का कार्यबल था, जिनमें से अनुमानित 40 करोड़ असंगठित क्षेत्र में थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में गैर-कृषि रोजगार में भारत में अनौपचारिक रोजगार का हिस्सा कहीं अधिक है। इसमें कहा गया है कि नोटबंदी औपचारिक क्षेत्र के विस्तार और अनौपचारिक क्षेत्र को कम करने के कदमों में से एक था।

इस मामले पर सुनवाई पांच जजों की संविधान पीठ कर रही है और अब मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी। हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा कि नोटबंदी का निर्णय रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की विशेष अनुशंसा पर लिया गया था और आरबीआई ने इसके क्रियान्वयन के लिए योजना के मसौदे का प्रस्ताव भी दिया था। पीठ ऐसी 58 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है जिनमें केंद्र के आठ नवंबर, 2016 को लिए गए नोटबंदी के फैसले को चुनौती दी गई है। 

(भाषा इनपुट)

टॅग्स :नोटबंदीReserve Bank of Indiaसुप्रीम कोर्ट
Open in App

संबंधित खबरें

भारतब्लॉग: तकनीक के उपयोग से मुकदमों के शीघ्र निपटारे में मदद मिलेगी

भारतNCBC Punjab and West Bengal: पंजाब-पश्चिम बंगाल में रोजगार आरक्षण कोटा बढ़ाने की सिफारिश, लोकसभा चुनाव के बीच एनसीबीसी ने अन्य पिछड़ा वर्ग दिया तोहफा, जानें असर

भारतसुप्रीम कोर्ट से ईडी को लगा तगड़ा झटका, कोर्ट ने कहा- 'विशेष अदालत के संज्ञान लेने के बाद एजेंसी नहीं कर सकती है गिरफ्तारी'

भारतLok Sabha Elections 2024: "अमित शाह ने केजरीवाल की जमानत पर बयान देकर सुप्रीम कोर्ट की मंशा पर सवाल खड़ा किया है", कपिल सिब्बल ने गृह मंत्री की टिप्पणी पर किया हमला

भारत"न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ की UAPA के तहत गिरफ्तारी अवैध": सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल रिहाई का दिया आदेश

भारत अधिक खबरें

भारतझारखंड दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर साधा जमकर निशाना, कहा- इन्होंने भ्रष्टाचार से नोटों के अंबार खड़े किए

भारतBihar LS Elections 2024: मोदी के बिहार दौरे पर लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप ने कसा तंज, कहा-प्रधानमंत्री को लालू यादव से मोह

भारतSwati Maliwal Assault Case: सीएम केजरीवाल के घर के CCTV का डीवीआर जब्त, दिल्ली पुलिस लैपटॉप भी ले गई साथ

भारतLok Sabha Elections 2024: "ये चुनाव 'राम भक्त' और 'राम द्रोहियों' के बीच है, जनता उन्हें सत्ता में लाएगी, जो राम को लेकर आये हैं", योगी आदित्यनाथ का विपक्ष पर हमला

भारत5 साल में 50 लाख से ज्यादा बड़े पेड़ खेतों से गायब हुए, नीम, जामुन, महुआ जैसे छायादार पेड़ तेजी से घट रहे हैं, शोध में आया सामने