नई दिल्ली: किसान आंदोलन खत्म होने के लगभग 8 महीने बाद आखिरकार केंद्र ने एमएसपी पर एक समिति का गठन किया गया। हालांकि संयुकत किसान मोर्चा की तरफ से इस समिति को खारिज कर दिया गया है। संयुकत किसान मोर्चा ने समिति को खारिज करने की वजह बताई है।
उनका मानना है कि इस समिति में उन लोगों को शामिल किया गया है जिन्होंने तीन कृषि कानूनों का समर्थन किया था बता दें कि सयुंक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को एक बैठक की जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर केंद्र की समिति के लिए नामों को भेजने के मुद्दे पर चर्चा की जानी थी। बैठक में केंद्र की समिति को खारिज कर दिया गया।
MSP पर बनाई समिति को किया खरिज
बता दें कि इस कमेटी के अध्यक्ष संजय अग्रवाल हैं जो पूर्व कृषि सचिव रह चुके हैं। सदस्य नीति आयोग कृषि रमेश चंद हैं। कृषि अर्थशास्त्री के तौर पर डॉ सीएससी शेखर और डॉ. सुखपाल सिंह हैं। राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार विजेता किसान के तौर पर भारत भूषण त्यागी शामिल हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से नामों को अभी भेजा जेना था। लेकिन इससे पहले ही किसान मोर्चा की तरफ से समिति को खारिज कर दिया गया है।
एसकेएम नेता अभिमन्यु कोहर ने इस बैठके के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 'आज हमने एसकेएम की बैठक में एमएसपी पर सरकार की समिति को खारिज कर दिया'।उन्होंने आरोप लगाया 'सरकार ने अपनी समिति में उन तथाकथित किसान नेताओं को शामिल किया है जिन्होंने तीन कृषि कानूनों का समर्थन किया था'।
कमेटी के लिए SKM ने नहीं दिए थे नाम
गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में पीएम मोदी ने किसान आंदोलन को देखते हुए 3 कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान किया था। वहीं तीन कानूनों के खिलाफ एसकेएम के नेतृत्व में हजारों किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर एक साल तक आंदोलन किया था।
जिसके बाद सरकार को ये फैसला लेना पड़ा था।उसके बाद केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा से एमएसपी के लिए गठित होने वाली कमेटी के लिए तीन नाम मांगे थे लेकिन वो नाम सरकार को नहीं मिले। लंबे इंतजार के बाद केंद्र सरकार ने एमएसपी के लिए कमेटी गठित कर दी है। इस कमेटी में 16 लोगों के नाम हैं। हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से इसे खारिज कर दिया गया है।