कावेरी जल विवादः कर्नाटक सरकार राज्य सीडब्ल्यूआरसी द्वारा जारी निर्देश को सुप्रीम कोर्ट में देगा चुनौती

By अनुभा जैन | Published: September 28, 2023 12:46 PM2023-09-28T12:46:27+5:302023-09-28T12:46:42+5:30

कावेरी जल विनियमन समिति ने कहा है कि अगर कावेरी बेसिन क्षेत्र में पानी की स्थिति में सुधार होता है तो राज्य को तमिलनाडु को 12.165 टीएमसीएफटी बैकलॉग पानी छोड़ना होगा (जो राज्य के लिए एक बड़ी चुनौती है)।

Cauvery water dispute Karnataka government will challenge the direction issued by the state CWRC in the Supreme Court | कावेरी जल विवादः कर्नाटक सरकार राज्य सीडब्ल्यूआरसी द्वारा जारी निर्देश को सुप्रीम कोर्ट में देगा चुनौती

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो

बेंगलुरु: कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, कर्नाटक राज्य तमिलनाडु को प्रतिदिन 3 हजार क्यूसेक पानी जारी करने को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) और सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती देगा और अपना मामला पेश करेगा।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य की कानूनी टीम से बात की थी और सिद्धारमैया का विचार था कि सीडब्ल्यूआरसी के निर्देश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ’’तमिलनाडु को छोड़ने के लिए हमारे जलाशयों में पर्याप्त पानी नहीं है। इसलिए, हम विनियमन समिति के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती देंगे।

29 सितंबर को बुलाए गए कर्नाटक बंद पर टिप्पणी करते हुए सीएम ने कहा कि लोकतांत्रिक समाज में कोई भी विरोध प्रदर्शन कर सकता है या बंद का आह्वान कर सकता है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ऐसा कोई बंद न करें जिससे आम जनता को असुविधा हो।

इधर, भाजपा-जद(एस) के वरिष्ठ नेताओं पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी, बीएस येदियुरप्पा और डीवी सदानंद गौड़ा ने अन्य नेताओं के साथ बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया और दावा किया कि कावेरी जल मुद्दे से निपटने में राज्य सरकार विफल रही है।

डिप्टी सीएम डीके शिव कुमार ने मीडिया से कहा कि कर्नाटक जलाशय बांध से पानी छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता। सरकार हर कीमत पर किसानों के हितों की रक्षा करेगी।

गौरतलब है कि कावेरी जल विनियमन समिति ने कहा है कि अगर कावेरी बेसिन क्षेत्र में पानी की स्थिति में सुधार होता है तो राज्य को तमिलनाडु को 12.165 टीएमसीएफटी बैकलॉग पानी छोड़ना होगा (जो राज्य के लिए एक बड़ी चुनौती है)। कर्नाटक के जलाशय पहले से ही प्रवाह में 53.04 प्रतिशत की कमी का सामना कर रहे हैं।

Web Title: Cauvery water dispute Karnataka government will challenge the direction issued by the state CWRC in the Supreme Court

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