पटना। बिहार में जातीय गणना की शुरुआत कल यानि शनिवार से होने जा रही है। पहले चरण में आवासीय मकानों की गिनती होनी है। इसकी शुरुआत पटना के वीआईपी इलाकों से होनी है, जहां अधिकारियों और विधायक, मंत्रियों के आवास हैं। 7 जनवरी से प्रारंभ होने वाले जातीय गणना के पहले चरण में प्रत्येक मकान में नंबर डाला जाएगा। कल से शुरू हो रहे जातिगत जनगणना पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि इस गणना के जरिए सरकार जाति के साथ साथ लोगों की आर्थिक स्थिति का भी जानकारी लेगी ताकि आने वाले समय में उसके हिसाब से विकास का पैमाना निर्धारित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि अगर यह जातिगत जनगणना बिहार के साथ साथ पूरे देश में कराई गई होती तो समाज के हर तबके के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता। नीतीश ने कहा कि जातिगत जनगणना के लिए हर एक चीज की समीक्षा की गई है। काफी संख्या में लोगों को इसके लिए ट्रेंड किया गया है, जो एक-एक घर में जाकर हर चीज की जानकारी जुटाएंगे। बहुत से ऐसे लोग हैं जो जाति की जगह उपजाति बता देते हैं, इन सब चीजों को देखना होगा।
नीतीश कुमार ने उम्मीद जताई है कि बिहार में जातिगत जनगणना का काम ठीक ढंग से पूरा कर लिया जाएगा। कर्मियों को इस बात की भी ट्रेनिंग दी गई है कि जो भी लोग हैं उनकी आर्थिक स्थिति को भी ठीक ढंग से देखना है ताकि सरकार को सभी जातियों के लोगों की आर्थिक स्थिति की भी जानकारी मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ जातिगत गणना नहीं कराई जा रही है बल्कि इस गणना के जरिए हर एक आदमी की पूरी जानकारी सरकार के पास होगी। इसी के आधार पर सरकार तय करेगी कि विकास को गति देने के लिए और क्या-क्या किया जा सकता है?
नीतीश ने आगे कहा कि हमलोगों की कोशिश थी कि राष्ट्रीय स्तर पर जातिगत जनगणना हो लेकर केंद्र के लोग नहीं चाहते थे, इसलिए अपने राज्य में करा रहे हैं और जातिगत जनगणना के बाद जो जानकारी सामने आएगी, उसके बारे मे केंद्र को भी बताएंगे। जातिगत जनगणना में कई चीजें सामने आएगी। इसके आधार पर यह स्पष्ट हो जाएगा कि हमें क्या-क्या करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक-एक चीज से संबंधित रिपोर्ट सरकार तक पहुंच जाएगी। इसके आधार पर लोगों के विकास के लिए काम किया जाएगा।