मथुरा, 16 दिसम्बर उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद की एक अदालत में पापुलर फ्रण्ट आफ इण्डिया (पीएफआई) के आठ सदस्यों के खिलाफ देशद्रोह, साम्प्रदायिक दंगा भड़काने का प्रयास करने तथा गैरकानूनी गतिविधि निषेध अधिनियम जैसे संगीन मामलों में चल रहे मुकदमें को लखनऊ स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है । अब इस मामले की सुनवाई वहीं की जाएगी। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए सात जनवरी की तिथि निर्धारित की है ।
आरोपियों के अधिवक्ता मधुवन दत्त चतुर्वेदी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि अदालत के इस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।
गौरतलब है कि एक पोर्टल के लिए काम करने वाले पत्रकार कप्पन सिद्दीकी सहित आठ लोगों को पुलिस ने गतवर्ष पांच अक्टूबर को यमुना एक्सप्रेस के रास्ते हाथरस जाते समय मांट टोल प्लाजा पर हाथरस में दंगा भड़काने के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया था । बाद में इन सभी के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और देशद्रोह का आरोप भी लगा दिया गया ।
यह मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रथम) मथुरा की अदालत से विशेष न्यायाधीश एनआईए, एएसजे लखनऊ को स्थानांतरित किये जाने का आदेश न्यायालय ने हाल ही में पारित किया है ।
मामले में सरकार की ओर से जांचकर्ता विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने अपने प्रार्थना पत्र में न्यायालय को अवगत कराया कि 20 अप्रैल 2021 की राजाज्ञा से सरकार ने एनआईए एक्ट की धारा 22 के तहत शक्तियों का प्रयोग कर विशेष न्यायालय का गठन कर दिया है, इसलिए मामले को उस न्यायालय में भेज दिया जाए ।
मंगलवार को हुई सुनवाई में न्यायाधीश ने एसटीएफ की प्रार्थना पर सुनवाई स्थानांतरित करने का आदेश पारित कर दिया।
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