नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत शहरी प्रवासियों/गरीबों के लिए किफायती किराये के आवास परिसरों (AHRCs) के विकास को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। लगभग 3 लाख लोगों को इससे लाभ मिलेगा।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कैबिनेट ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना/आत्मानिर्भर भारत के तहत जून से अगस्त 2020 तक 3 महीने के लिए EPF योगदान 24% (12% कर्मचारी और 12% मालिक) के विस्तार को मंजूरी दी है। लगभग 4हज़ार 860 करोड़ के निवेश के साथ 72 लाख कर्मियों को इसका लाभ मिलेगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के विभिन्न शहरों में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत बने छोटे फ्लैट को प्रवासी मजदूरों और गरीबों को किराये पर दिए जाने को मंजूरी प्रदान की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी जानकारी दी।
सरकार की योजना के तहत देश के विभिन्न शहरों में सरकार की आर्थिक सहयोग से बने छोटे फ्लैट/आवास किराये पर दिया जाएगा। आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि ’प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान’ के तौर पर 600 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में तीन लाख लाभार्थियों को कवर किया जाएगा।
तीन सरकारी साधारण बीमा कंपनियों में 12,450 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश को मंजूरी
सरकार ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र की तीन साधारण बीमा कंपनियों के पूंजी आधार को मजबूत करने और उन्हें अधिक स्थिर बनाने के लिये उनमें 12,450 करोड़ रुपये की पूंजी डालने को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में इस फैसले पर मुहर लगाई गई।
बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि ‘दि नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, आरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड’ को अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध कराई जायेगी।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने इसके बाद ट्वीट में कहा, ‘‘ सार्वजनिक क्षेत्र की तीन साधारण बीमा कंपनियों- ओरिंटएल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और यूनाइटेड इंडिया इंश्यरेंस कंपनी लिमिटेड में 12,450 करोड़ रुपये की पूंजी डालने के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी।
इस राशि में इन कंपनियों में 2019- 20 में डाली गई 2,500 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है।’’ सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि 12,450 करोड़ रुपये की राशि में से 3,475 करोड़ रुपये की राशि तुरंत जारी की जायेगी जबकि शेष 6,475 करोड़ रुपये बाद में डाले जायेंगे।
इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने इन कंपनियों की प्राधिकृत शेयर पूंजी को भी बढ़ाने की मंजूरी दी है। नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की प्राधिकृत पूंजी को बढ़ाकर 7,500 करोड़ रुपये करने को मंजूरी दी गई है जबकि यूनाइटेड इंडिया इश्योरेंस और आरिएंटल इश्योरेंस कंपनी की प्राधिकृत पूंजी को 5,000 करोड़ रुपये करने को मंजूरी दी गई है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि मौजूदा परिदृश्य को देखते हुये कंपनियों के विलय की प्रक्रिया को अब तक स्थगित रखा गया है। इसके बजाय कंपनियों की बेहतर वृद्धि पर ध्यान दिया जा रहा है।