देश के कई हिस्से में राजनीतिक पार्टीयां 'नागरिकता संशोधन कानून' के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। इसी बीच राष्ट्रीय जनता दल पार्टी ने भी 'बिहार बंद' का आह्वान किया था। शनिवार तड़के पार्टी के समर्थकों ने दरभंगा और वैशाली के राज्यमार्गों को बाधित कर दिया। आरजेडी पार्टी के समर्थकों ने दरभंगा में अपने कपड़े उतार कर प्रदर्शन किया। राजद समर्थक भैंस लेकर पहुंचे थे जिन्हें खड़ा करके चक्का जाम किया गया।
प्रदर्शनकारियों ने बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार और केंद्र सरकार के खिलाफ स्लोगन भी लगाए। प्रदर्शनकारियों ने राज्यमार्ग को बाधित कर टायरों को भी जलाया। साथ ही आरजेडी पार्टी के समर्थकों ने वैशाली में मवेशियों की मदद से राज्यमार्ग पर आवाजाही को बाधित कर दिया।
बिहार के दरभंगा में पार्टी सर्मथकों ने प्रदर्शन किया और रेलवे लाइनों को बाधित कर आवाजाही रोक दी। आरजेडी नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को बिहार के लोगों से 'नागरिकाता संशोधन कानून' के खिलाफ 'बिहार बंद' की अपील की थी।
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक तेजस्वी यादव ने कहा कि शनिवार को बिहार बंद रहेगा। उन्होंने सभी लोगों से समर्थन करने की अपील भी की।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को ट्वीट किया "21 दिसंबर को आरजेडी 'नागरिकता संशोधन कानून' और 'एनआरसी' के विरोध में 'बिहार बंद' का नेतृत्व करेगी। पार्टी बिहार के सभी जिलों में टॉर्च के साथ सभी से शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने को कहेगी। तेजस्वी यादव ने नागरिकता कानून का विरोध करते हुए कहा कि अधिकतर लोगों के डॉक्यूमेंट बिहार में आई बाढ़ में धुल गए हैं राज्य में अगर एनआरसी लागू की जाती है तो वे अपनी पहचान साबित नहीं सकेंगे।
CAA पर तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव ने कहा "बिहार में आई बाढ़ में लोगों के सभी दस्तावेज बह गए हैं। वो अपनी पहचान कैसे साबित कर करेंगे।"
हालांकि जनता दलयू पार्टी ने संसद में 'नागरिकता संशोधन विधेयक' को पारित करने के दौरान केंद्र सरकार का समर्थन किया था। संसद में पिछले हफ्ते सीएए के पारित होने के बाद देश के कई हिस्सों में तेजी से प्रदर्शन होने शुरू हो गए हैं।
' नागरिकता संशोदन कानून' हिंदू, सिख, इसाई, जैन ,पारसी और बौद्ध समुदायों को नागरिकता प्रदान करता है। जब इन समुदायों के लोग पाकिस्तान,अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर उत्पीड़न होने के चलते 31 दिसंबर, 2014 तक भारत में शरण लेने के लिए आ चुके थे।