नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का पूरे देश में विरोध किया जा रहा है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उत्तर प्रदेश की खतौली विधानसभा सीट से विधायक विक्रम सैनी का अजीबो-गरीब बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान से कहा है कि वह भी एक कानून बनाकर भारत में पीड़ित मुसलमानों को अपने यहां बुला ले।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी एमएलए ने कहा, 'पाक को भी ऐसा कानून बनाना चाहिए जो मुस्लिम यहां पर पीड़ित हैं उनको पाक में नागरिकता देनी चाहिए, अदला बदली कर लो, जो वहां पीड़ित हैं वो हिन्दुस्तान आ जाने चाहिए, जो यहां पीड़ित हैं वो पाक चले जाएं कौन रोक रहा है।'
इधर, मुजफ्फरनगर में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में कथित संलिप्तता के आरोप में और चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि शमीम, ईनाम शमीम, अल्वी और सलमान को बृहस्पतिवार शाम को गिरफ्तार किया गया। उनकी पहचान सीसीटीवी फुटेज के आधार पर की गई थी। इसमें वह 20 दिसंबर को हुई हिंसा के दौरान कथित तौर पर पथराव करते दिखे थे।
पुलिस ने बताया कि तीन आरोपियों को सिविल लाइन्स पुलिस थाने के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया और एक आरेापी को कोतवाली पुलिस थाने के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि इन लोगों की गिरफ्तारी के साथ, प्रदर्शनों में हुई हिंसा में कथित संलिप्तता के लिए जिले से अब तक 85 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और जिन-जिन स्थानों पर हिंसा हुई वहां के सीसीटीवी फुटेज लेकर पुलिस उपद्रवियों की पहचान कर रही है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने हिंसा में संलिप्तता के लिए बुधवार शाम को दो लोगों को यहां से गिरफ्तार किया था। पुलिस को 18 लोगों के खिलाफ हिंसा में शामिल होने के कोई सबूत नहीं मिले थे जिसके बाद अदालत के आदेश पर उन्हें रिहा कर दिया गया।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस क्षेत्र में 20 दिसंबर को शुक्रवार की नमाज के बाद संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए थे। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में संशोधित नगारिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान झड़पों के बाद करीब 1,200 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और 5,558 लोगों को एहतियातन हिरासत में रखा गया था।
हालांकि सीएए को लेकर हो रहे विरोध को लेकर बीजेपी अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री अमित शाह कई बार कह चुके हैं कि अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमान सीएए को पढ़ें जो अब सरकार की वेबसाइट पर उपलब्ध है। किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। सीएए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार अल्पसंख्यकों को नागरिकता उपलब्ध कराएगा। पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के धार्मिक और अन्य अधिकारों की रक्षा करने से जुड़े नेहरू-लियाकत समझौते को क्रियान्वित करने में विफल रहा। इसकी वजह से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को संसद में विधेयक लाना पड़ा जो अब कानून बन गया है।
आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून, 2019 में 31 दिसंबर, 2014 तक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आये हिन्दू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध समुदाय के सदस्यों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।