Budget 2020: जानें उस अधिकारी के बारे में जो पिता की मौत के बाद भी करते रहे बजट कॉपी की प्रिटिंग

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 1, 2020 09:05 AM2020-02-01T09:05:20+5:302020-02-01T09:05:20+5:30

इन सबके बीच एक सरकारी कर्मचारी ऐसा भी है जो अपने पिता की मौत के बाद भी देश हित में पेश होने वाले बजट के कॉपी की प्रिटिंग करता रहा। कर्तव्य को लोकर इमानदारी और निष्ठा की ऐसी मिसाल कायम करने वाले इस अधिकारी का नाम कुलदीप कुमार शर्मा है।

Budget 2020: Learn about the officer who kept printing the budget copy even after the father's death | Budget 2020: जानें उस अधिकारी के बारे में जो पिता की मौत के बाद भी करते रहे बजट कॉपी की प्रिटिंग

पिता की मौत के बाद भी काम में लगा रहा अधिकारी

Highlightsबजट छपाई से जुड़े डिप्टी मैनेजर कुलदीप कुमार शर्मा  26 जनवरी को बजट ड्यूटी पर थे। उसी दिन कुलदीप शर्मा के पिता की मौत हो गई।उन्होंने तय किया कि वह अपने पिता की मौत पर घर जाने के बजाए बजट की छपाई के काम में ही लगे रहेंगे।

आज नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश होने वाला है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में बजट पेश करेंगी।  लोगों की नजर इस बात पर है कि लाल कपड़े में बंधे बजट के पिटारे से सीतारमण इस बार देश को लोगों को क्या तोहफा देगी? इसके साथ ही किसान, मध्यमवर्ग, असंगठित क्षेत्र व विनिर्माण सेक्टर के लोग अपनी-अपनी उम्मीदें लिए सरकार की तरफ देख रहे हैं।

इन सबके बीच एक सरकारी कर्मचारी ऐसा भी है जो अपने पिता की मौत के बाद भी देश हित में पेश होने वाले बजट के कॉपी की प्रिटिंग करता रहा। कर्तव्य परायणता और निष्ठा की ऐसी मिसाल कायम करने वाले इस अधिकारी का नाम कुलदीप कुमार शर्मा है। दरअसल, बजट छपाई से जुड़े डिप्टी मैनेजर कुलदीप कुमार शर्मा  26 जनवरी को बजट ड्यूटी पर थे। उसी दिन कुलदीप शर्मा के पिता की मौत हो गई, लेकिन उन्होंने तय किया कि वह अपने पिता की मौत पर घर जाने के बजाए बजट की छपाई के काम में ही लगे रहेंगे। उन्होंने अपने निजी नुकसान को पीछे छोड़ते हुए अपनी ड्यूटी को तरजीह दी।

इस मामले में वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। वित्त मंत्रालय ने ट्वीट में लिखा, 'कुलदीप शर्मा के पिता का 26 जनवरी 2020 को अचानक निधन हो गया। कुलदीप बजट ड्यूटी पर थे, ऐसे में उन्हें जब पिता के देहांत की खबर मिली तो उन्होंने अपने कर्तव्य को आगे रखा और प्रेस एरिया नहीं छोड़ने का फैसला किया। 

सबसे खास बात तो यह है कि बजट की छपाई बेहद गोपनीय प्रक्रिया है। इसमें लगे लोगों को घर तक जाने की इजाजत नहीं होती है। सारे लोग एक तरह से दुनिया से कट जाते हैं और सिर्फ बजट की छपाई का काम करते हैं। यह सब सिर्फ इसलिए किया जाता है ताकि बजट में क्या होने वाला है, ये लीक ना हो। करीब 10 दिनों तक बजट की छपाई के काम के दौरान इसमें लगे किसी भी व्यक्ति को बाहर जाने की इजाजत नहीं होती है। 

Web Title: Budget 2020: Learn about the officer who kept printing the budget copy even after the father's death

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