वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज सुबह 11 बजे संसद में नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगी। इससे पहले वित्त मंत्री ने 31 जनवरी को आर्थिक समीक्षा पेश किया। आर्थिक समीक्षा में अगले वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर के सुधरकर 6 से 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। हालांकि, इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि वृद्धि दर को एक दशक के निचले स्तर से उबारने के लिये राजकोषीय घाटे के लक्ष्य में ढील दी जा सकती है।
मिडिल क्लास को टैक्स स्लैब में राहत की उम्मीद
6 से 7 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वाले लोगों को 5 फीसदी के इनकम टैक्स स्लैब में लाया जा सकता है। इसके अलावा 10 फीसदी इनकम टैक्स फिर से लागू किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार बजट से पहले इनकम टैक्स में बदलाव पर गठित कमिटी ने वित्त मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में कहा है कि कारपोरेट टैक्स में कटौती के बाद बेहतर होगा कि इस बार लोअर मिडिल क्लास और मिडिल क्लास को छूट दी जाए। इसलिए इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव करने की जरूरत है। स्लैब में बदलाव करके मध्य वर्ग को राहत दी जा सकती है।
इसके अलावा भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को लेकर चली मोदी सरकार से उद्योग जगत को बजट 2020-21 से काफी उम्मीदें हैं। उद्योग जगत के विभिन्न सेक्टरों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तक अपनी मांगों को पहुंचा दिया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी कह चुके हैं कि एक फरवरी 2002 को पेश होने वाले केंद्रीय बजट में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए 'कार्य योजना' पेश करेगी