Budget 2019: खुशखबरी, NRI को भारत आते ही आधार कार्ड देने की सुविधा मिलेगी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 5, 2019 12:53 PM2019-07-05T12:53:07+5:302019-07-05T12:53:07+5:30
विदेश में रहने वाले भारतीयों के लिए सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। अब NRI को भारत आते ही आधार कार्ड देने की सुविधा मिलेगी, साथ ही अब उन्हें 180 दिनों तक भारत में रहने की जरूरत नहीं है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2019-20 का बजट पेश करते हुए यह प्रस्ताव किया। विदेश में रहने वाले भारतीयों के लिए सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। अब NRI को भारत आते ही आधार कार्ड देने की सुविधा मिलेगी, साथ ही अब उन्हें 180 दिनों तक भारत में रहने की जरूरत नहीं है।
हमारी सरकार का लक्ष्य है कि 17 पर्यटन स्थलों को विश्व स्तर का बनाया जाएगा। अभी तक हमारी सरकार ने 4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज वसूल लिया है। देश में आर्थिक सुधारों पर जोर जारी रहेगा। सुधारों के दम पर ही NPA को वापस लिया गया है।
देश में क्रेडिट ग्रोथ 13 फीसदी से ऊपर तक गई है। वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि क्रेडिट को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 70 हजार करोड़ रुपये मुहैया कराए जाएंगे। सुधारों के जरिए ही बैंकों का NPA घटा है। हम बैंकिंग को हर दरवाजे तक पहुचाएंगे।
वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि हमारी सरकार विदेश नीति पर भी जोर दे रही है इसके लिए सरकार जहां पर अभी हमारे दूतावास नहीं हैं, उन देशों में दूतावास खोलने पर जोर देगी। सरकार वित्तीय वर्ष 2019-20 में अन्य चार नए दूतावास खोलना चाहती है, सरकार का लक्ष्य बुनियादी सुविधाओं में अगले पांच साल में 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश का है। वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि हमारी सरकार विदेश नीति पर भी जोर दे रही है इसके लिए सरकार जहां पर अभी हमारे दूतावास नहीं हैं, उन देशों में दूतावास खोलने पर जोर देगी।
सरकार वित्तीय वर्ष 2019-20 में अन्य चार नए दूतावास खोलना चाहती है। सरकार का लक्ष्य बुनियादी सुविधाओं में अगले पांच साल में 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश का है। सरकार ने 1 से 20 रुपये के नए सिक्कों का ऐलान किया है, जिन्हें जल्द लोगों के लिए जारी किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि विनिवेश के जरिए 1 लाख करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे, जिसमें एयर इंडिया में भी विनिवेश किया जाएगा। साथ ही सरकार ने ऐलान किया कि लोन देने वाली कंपनियों को अब सीधा RBI कंट्रोल करेगी।
उन्होंने कहा कि बीते वित्त वर्ष में देश में 64.37 अरब डॉलर का एफडीआई आया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष यानी 2017-18 से छह प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘मैं इस लाभ को और बेहतर करने का प्रस्ताव करती हूं जिससे भारत को विदेशी निवेश के लिए और अधिक आकर्षक गंतव्य बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि सरकार विमानन, मीडिया, एवीजीसी (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स) तथा बीमा क्षेत्रों को एफडीआई के लिए और खोलने को अंशधारकों के साथ विचार विमर्श करेगी।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि बीमा क्षेत्र की मध्यस्थ इकाइयों के लिए 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी जाएगी।
साथ ही एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में स्थानीय खरीद के नियमों में ढील दी जाएगी। अभी एफडीआई नीति के तहत बीमा क्षेत्र में 49 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। इसमें बीमा ब्रोकिंग, बीमा कंपनियां, तीसरा पक्ष प्रशासक (टीपीए), सर्वेयर और नुकसान आकलनकर्ता शामिल हैं।
सरकार से मांग की गई थी कि बीमा ब्रोकरों को 100 प्रतिशत एफडीआई मंजूरी वाली अन्य वित्तीय क्षेत्र की मध्यस्थ इकाइयों की तरह ही माना जाए। देश में 2015 तक बीमा की पहुंच 3.4 प्रतिशत आबादी तक थी जबकि इसका वैश्विक औसत 6.2 प्रतिशत है।
अभी समाचार पत्रों तथा समाचारों और ताजा घटनाक्रमों वाली पत्र पत्रिकाओं के प्रकाशन पर 26 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। साथ ही समाचार और ताजा घटनाक्रमों वाली विदेशी पत्रिकाओं के भारतीय संस्करणों पर भी इतने ही विदेशी निवेश की अनुमति है।
भारत के लिए विदेशी निवेश काफी महत्वपूर्ण है। भारत को अपने बुनियादी ढांचा क्षेत्रों मसलन बंदरगाहों, हवाई अड्डों तथा राजमार्गों में सुधार के लिए ही अरबों डॉलर के निवेश की जरूरत है। विदेशी निवेश से जहां देश के भुगतान संतुलन की स्थिति सुधरती है वहीं अन्य देशों की मुद्राओं की तुलना में रुपया भी मजबूत होता है।