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बीएसएससी प्रश्नपत्र लीक मामलाः छोटे कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाया जा रहा, बड़े अधिकारी को बचाने की कोशिश, सिन्हा ने नीतीश सरकार पर बोला हमला

By एस पी सिन्हा | Updated: December 26, 2022 18:31 IST

बिहारः विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि बीएसएससी का मामला हो या बीपीएससी पेपर लीक का मामला सारा खेल टॉप लेवल के अधिकारियों द्वारा किया जाता है।

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ठळक मुद्देपेपर लीक मामले में सरकार जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है।बीपीएससी की परीक्षाओं में भी पेपर लीक होना आम बात हो गई है।सरकार को चाहिए कि वह इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराए।

पटनाः बिहार में बीएसएससी प्रश्नपत्र लीक मामले को लेकर विपक्षी दल भाजपा ने नीतीश सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार छोटे कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है, जबकि बड़े अधिकारियों को बचाने का खेल खेला जा रहा है।

नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि बीएसएससी का मामला हो या बीपीएससी पेपर लीक का मामला सारा खेल टॉप लेवल के अधिकारियों द्वारा किया जाता है। बिहार में नियुक्ति निकलने के साथ ही उसकी बोली लगनी शुरू हो जाती है। उन्होंने बीएसएससी की परीक्षा को रद्द कर पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग सरकार से की है।

विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पेपर लीक मामले में सरकार जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सरकार सिर्फ नीचले स्तर के कर्मचारियों पर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार पेपर लीक मामले में बड़े अधिकारियों की जिम्मेवारी तय होनी चाहिए, लेकिन सरकार उन अधिकारियों को बचाने का खेल खेल रही है।

बीएसएससी के साथ साथ बीपीएससी की परीक्षाओं में भी पेपर लीक होना आम बात हो गई है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि बिहार में जैसे ही कोई नियुक्ति निकलती है उसकी बोली लगनी शुरू हो जाती है और यह सारा खेल टॉप लेवल पर होता है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराए।

इसके साथ ही लंबे समय से जो उच्च पदों पर बैठे हुए अधिकारी हैं, उनकी जिम्मेवारी तय कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार की भ्रष्ट अधिकारियों से मिलीभगत है और वह नहीं चाहती है कि जो प्रतिभावान छात्र-छात्राएं हैं वे आगे आएं। सरकार परीक्षा को रद्द कर इसकी सीबीआई जांच कराए।

विजय सिन्हा ने कहा कि बीपीएससी या बीएसएससी की परीक्षा अगर सरकार की नामामी के कारण परीक्षा रद्द होती है तो सरकार उन परीक्षार्थियों को परीक्षा की फीस और आने जाने में जो खर्च हुआ है, उन्हें पांच से दस हजार रुपए का भुगतान करे। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव जब नेता प्रतिपक्ष थे तो मांग करते थे कि परीक्षा रद्द होने पर सरकार छात्रों के खर्च की भरपाई करे।

लेकिन आज जब सरकार में हैं तो चुप्पी साध रखी है। सरकार की नाकामी के कारण बच्चों के मन में निराशा पैदा हो रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि लोकतंत्र में जनता मालिक होती है और वही जनता आने वाले दिनों में सरकार की तानाशाही पर लगाम लगाएगी।

टॅग्स :बिहारपटनानीतीश कुमारतेजस्वी यादवBJP
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