नई दिल्ली, 29 अगस्तः देशभर में कई वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि यह सत्ता के दुरुपयोग और निरंकुशता की पराकाष्ठा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों की आवाज उठाने वाले बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ सरकार दमनचक्र चला रही है। उन्होंने ऐसी घटनाओं की निंदा की है।
मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए ऐसी कार्रवाई कर रही है। सरकार की नीतियों और रवैये के प्रति जनता में आक्रोश है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार को अपनी जनविरोधी नीतियों के साथ-साथ लोकतंत्र विरोधी कार्य प्रणाली से बचना चाहिए। नक्सल समर्थक के नाम पर कवि, वकील, प्रोफेसर और बुद्धिजीवियों की गिरफ्तारी सही नहीं है।
बता दें कि महाराष्ट्र पुलिस ने कई राज्यों में बुद्धिजीवियों के घरों में मंगलवार 28 अगस्त को छापा मारा। जिसमें माओवादियों से संपर्क रखने के शक में कम से कम पांच लोगों को गिरफ्तार किया। जिसमें रांची से फादर स्टेन स्वामी , हैदराबाद से वामपंथी विचारक और कवि वरवरा राव, फरीदाबाद से सुधा भारद्धाज और दिल्ली से सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलाख शामिल है।
महाराष्ट्र पुलिस ने स्थानीय पुलिस की मदद से मंगलवार दिल्ली में पत्रकार-सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा, गोवा में प्रोफेसर आनंद तेलतुंबडे, रांची में मानवाधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी, मुंबई में सामाजिक कार्यकर्ता अरुण परेरा, सुजैन अब्राहम, वर्नन गोनसाल्विस, हैदराबाद में माओवाद समर्थक कवि वरवर राव, वरवर राव की बेटी अनला, पत्रकार कुरमानथ और फरीदाबाद में सुधा भारद्वाज के घर पर छापेमारी की।