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PFI अगर देश की सुरक्षा के लिए खतरा तो आरएसएस पर प्रतिबंध क्‍यों नहीं- मायावती ने ट्वीट कर केन्द्र पर साधा निशाना

By भाषा | Updated: September 30, 2022 11:56 IST

पीएफआई पर 5 साल के लिए बैन लगाए जाने को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है, ‘‘अगर पीएफआई देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए खतरा है तो उस जैसी अन्य संगठनों पर भी प्रतिबंध क्यों नहीं लगना चाहिए?’’

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ठळक मुद्देपीएफआई पर बैन को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने केन्द्र सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा है कि अगर पीएफआई पर बैन लगाई गई है तो आरएसएस को क्यों छोड़ा गया है। आपको बता दें कि केन्द्र सरकार ने पीएफआई पर 5 साल के लिए बैन लगा दिया है।

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्‍यक्ष और उत्‍तर प्रदेश की पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती ने पीएफआई को लेकर बयान दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध लगाए जाने पर शुक्रवार को तीखी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की है। 

मायावती ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे राजनीतिक स्‍वार्थ और संघ तुष्‍टीकरण से प्रेरित बताया है। केन्द्र द्वारा पीएफआई पर रोक लगाने को लेकर बसपा प्रमुख ने सवाल भी खड़े किए है और उन्हें आरएसएस (राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ) पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग का समर्थन करते हुए देखा गया है।

मायावती ने क्या कहा

बसपा प्रमुख ने शुक्रवार को ट़्वीट किया, ‘‘केन्द्र द्वारा पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ देश भर में की गई कार्रवाई के बाद अन्ततः अब विधानसभा चुनावों से पहले पीएफआई समेत उसके आठ सहयोगी संगठनों पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। लोग इसे राजनीतिक स्वार्थ व संघ तुष्टीकरण की नीति मान रहे हैं और उनमें संतोष कम व बेचैनी ज्यादा है।’’ 

मायावती ने अपने सिलसिलवार ट़्वीट में कहा, ‘‘यही कारण है कि विपक्षी पार्टियां सरकार की नीयत में खोट मानकर इस मुद्दे पर भी आक्रोशित व हमलावर हैं और आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग खुलेआम हो रही है कि अगर पीएफआई देश की आन्तरिक सुरक्षा के लिए खतरा है तो उस जैसी अन्य संगठनों पर भी प्रतिबंध क्यों नहीं लगना चाहिए?’’

केंद्र सरकार ने बुधवार को पीएफआई पर 5 साल के लिए बैन लगा दिया है

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बुधवार को इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकवादी समूहों से ‘‘संबंध’’ रखने और देश में सांप्रदायिक नफरत फैलाने की कोशिश का आरोप लगाते हुए आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया। 

राजपत्रित अधिसूचना के अनुसार, पीएफआई के आठ सहयोगी संगठनों- रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल के नाम भी यूएपीए यानी गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित किए गए संगठनों की सूची में शामिल हैं।

टॅग्स :मायावतीPFIभारतआरएसएसबीएसपीBahujan Samaj PartyBJP
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