BPSC Exam Protest: बिहार की राजधानी पटना में बीपीएससी अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर सियासत तेज हो गई है। एक तरफ जहां पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव मोर्चा संभाले हुए हैं तो दूसरी ओर अब इस मामले पर जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने सोमवार को सफाई दी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा कि वे इस आंदोलन से भागे नहीं हैं बल्कि आंदोलन और तेज होगा। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर छात्रों की समस्याओं का हल नहीं निकला तो मैं खुद यहां धरने पर बैठूंगा। उन्होंने कहा कि मेरी इनसे कोई शिकायत नहीं है। मैं यहां राजनीति करने नहीं आया हूं। मैंने ढाई साल में किसी भी आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया, लेकिन मैं छात्रों के लिए आया हूं। छात्रों पर हुए लाठीचार्ज की कड़ी निंदा करते हुए पीके ने कहा कि इसके दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने घोषणा की कि इस मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। प्रशांत किशोर ने कहा कि छात्र शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रख रहे थे, लेकिन पुलिस ने बर्बरता से लाठीचार्ज किया। उन्होंने सरकार के सामने पांच मांगें रखीं। जिनमें बीपीएससी की पीटी परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजित करने और परीक्षा में हुई अनियमितताओं की न्यायिक जांच की मांग शामिल है।
उन्होंने पुलिस द्वारा छात्रों पर दर्ज आपराधिक मुकदमों को वापस लेने और लाठीचार्ज का आदेश देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की भी मांग की। इसके साथ ही बीपीएससी अभ्यर्थी सोनू यादव की आत्महत्या की जांच कर उनके परिवार को न्याय दिलाने की अपील की। प्रशांत किशोर ने कहा कि यदि सरकार अभ्यर्थियों की मांगें मान लेती है तो प्रदर्शन समाप्त हो जाएगा।
यदि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती, तो वह 2 जनवरी से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठेंगे। उन्होंने कुछ पुलिस अधिकारियों पर "हीरो बनने" का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि हम लोग लफंगई करने नहीं आए हैं अपनी जायज मांगों को सरकार के सामने रख रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने कहा कि वे जब तक जेपी गोलंबर पर थे, तब तक प्रशासन ने लाठीचार्ज नहीं किया। लेकिन उनके जेपी गोलंबर से फिर गांधी मैदान आने के कुछ देर बाद ही पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और जेपी गोलंबर पर मौजूद कुछ छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया। उन्होंने हुंकार भरते हुए कहा कि छात्रों ने कोई तोड़फोड़ नहीं की है। गांधी मैदान में प्रदर्शन करने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं होती है।