BPSC exam paper leak: बीपीएससी 70 वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने को लेकर अभ्यर्थियों के द्वारा किए जा रहे धरना-प्रदर्शन को सियासी दलों ने भी अपना पूरा समर्थन दे दिया है। सियासी दलों के बीच अभ्यर्थियों का करीबी होने का होड मच गया है। इसी कड़ी में एक ओर जहां जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे हैं तो दूसरी ओर निर्दलीय सांसद पप्पू यादव बिहार में चक्का जाम कराने सडक पर उतरे। जबकि एआईएसएफ और वामदलों के द्वारा पटना में विरोध प्रदर्शन किया गया।
वहीं प्रशांत किशोर के आमरण अनशन का आज उनके अनशन का दूसरा दिन है। पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के नीचे प्रशांत किशोर बीपीएससी अभ्यर्थियों के साथ रात बिताई। इस दौरान उन्होंने कहा कि बीपीएससी के अभ्यर्थी चाहते हैं कि पूरी परीक्षा रद्द हो। इस बीच पटना के एसडीएम गौरव कुमार ने गांधी मैदान में प्रशांत किशोर की भूख हड़ताल को अवैध बताया है।
वहीं, पटना पुलिस ने प्रशांत किशोर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। जिला प्रशासन का कहना है कि पटना उच्च न्यायालय के आदेशानुसार धरना-प्रदर्शन के लिए गर्दनीबाग में स्थल चिन्हित किया गया है। विगत लगभग 7 वर्षों से सभी राजनैतिक दल अपनी मांगों को लेकर उसी चिन्हित स्थल पर धरना-प्रदर्शन आयोजित करते हैं। लेकिन प्रशांत किशोर बिना अनुमति के ही धरना पर बैठ गए हैं।
जिसके बाद प्रशासन हरकत में आ गया और प्राथमिकी दर्ज कर ली है। पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने भी प्रशांत किशोर के खिलाफ केस दर्ज करने साथ-साथ धरना हटाने का आदेश दिया है। पटना के डीएम ने धरने को गैरकानूनी बताया है। हालांकि, इसको लेकर प्रशांत किशोर का कहना है कि अगर दिल्ली में किसान सड़क पर बैठकर प्रदर्शन कर सकते हैं तो गांधी मैदान में प्रदर्शन करना अवैध कैसे है?
उन्होंने कहा कि हम किसी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं। उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज जाने पर उन्होंने कहा कि प्रशासन सिर्फ अपना समय बर्बाद कर रहा है। वहीं प्रशांत किशोर के धरने पर एसडीएम गौरव कुमार ने कहा कि पटना हाई कोर्ट के द्वारा पटना में केवल गर्दनीबाग ही एक धरना स्थल चिन्हित किया गया है।
उसके अलावा कहीं और प्रदर्शन करना अवैध माना जाता है। इसलिए गांधी प्रतिमा के पास जो धरना दिया जा रहा है ये अवैध है। उन्हें नोटिस दिया गया है कि जो भी धरना प्रदर्शन करना है वो वैध तरीके से किया जाए, उन्हें समय दिया जाएगा और उसके बाद विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।