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भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने अपना बयान वापस लिया, धर्मांतरण करने वालों को हिंदू धर्म में वापस लाने का आह्वान किया था

By विशाल कुमार | Updated: December 27, 2021 12:51 IST

सूर्या ने एक ट्वीट कर कहा कि दो दिन पहले उडुपी श्रीकृष्ण मठ में आयोजित एक कार्यक्रम में मैंने 'भारत में हिंदू पुनरुद्धार' विषय पर बात की थी। मेरे भाषण के कुछ बयानों ने खेदजनक रूप से एक टाले जा सकने वाला विवाद पैदा कर दिया है। इसलिए मैं बिना शर्त बयान वापस लेता हूं।

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ठळक मुद्देसूर्या ने धर्मांतरण करने वाले सभी लोगों को हिंदू धर्म में वापस लाने का आह्वान किया था।कहा था कि पाकिस्तान में इस्लाम में परिवर्तित किए हए हिंदुओं को वापस अपने धर्म लाया जाना चाहिए।सूर्या ने कहा कि मैं बिना शर्त बयान वापस लेता हूं।

बेंगलुरू:कर्नाटक से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने अपनी उस विवादित टिप्पणी को बिना शर्त वापस ले लिया है जिसमें उन्होंने इतिहास से लेकर अब तक धर्मांतरण करने वाले सभी लोगों को हिंदू धर्म में वापस लाने और हिंदुओं का पुनर्जागरण करने की बात कही थी।

पिछले कुछ दिनों से एक के बाद एक लगातार सामने आ रहे विभाजनकारी टिप्पणियों की श्रृंखला में उनकी टिप्पणियों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे थे और विवाद खड़ा हो गया था।

सूर्या ने एक ट्वीट कर कहा कि दो दिन पहले उडुपी श्रीकृष्ण मठ में आयोजित एक कार्यक्रम में मैंने 'भारत में हिंदू पुनरुद्धार' विषय पर बात की थी। मेरे भाषण के कुछ बयानों ने खेदजनक रूप से एक टाले जा सकने वाला विवाद पैदा कर दिया है। इसलिए मैं बिना शर्त बयान वापस लेता हूं।

बीते रविवार को श्रीकृष्ण मठ में एक समापन समारोह में भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूर्या ने कहा था कि ऐसे लोग हैं जो हिंदू धर्म के थे लेकिन इस्लाम या ईसाई धर्म में परिवर्तित हो गए। इन लोगों को वापस हिंदू धर्म में लाना हमारा कर्तव्य है। साथ ही, पाकिस्तान में जिन हिंदुओं को इस्लाम में परिवर्तित किया गया था, उन्हें वापस अपने धर्म लाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा था कि लोगों को हिंदू धर्म में वापस लाने के लिए सभी मठों और मंदिरों का वार्षिक लक्ष्य होना चाहिए। उदाहरण के लिए, ऐसे लोग थे जिन्हें टीपू सुल्तान के कारण धर्म परिवर्तन से गुजरना पड़ा था। इसलिए जरूरी है कि इन लोगों को वापस हिंदू धर्म में लाया जाए। यही एकमात्र तरीका है जिससे पुनर्जागरण हो सकता है।

सूर्या के बयान ऐसे समय में आया था जब राज्य में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार विधेयक, 2021 का बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है, जिसे विधानसभा में पारित किया गया है। विधेयक  गलत पहचान, बल, धोखाधड़ी, प्रलोभन या विवाह द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में धर्मांतरण को प्रतिबंधित करता है।

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