पटनाः बिहार भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने शुक्रवार को विधानमंडल परिसर में पहली बार मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पार्टी ने उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी है, वह इसके लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में अगला विधानसभा चुनाव बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा और एनडीए सरकार बनाएगी। दिलीप जायसवाल ने कहा कि 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन एनडीए के सामने टिक नहीं पाएगा। नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम 2025 में बहुमत की सरकार बनाएंगे। लोकसभा चुनाव में हमें सिर्फ 3-4 सीटों का नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता राजद के चेहरे और चरित्र को जानती है। वे या तो यादवों से प्यार करते हैं या मुसलमानों से।
अगर उन्हें यादव से प्यार होता, तो वे तेजस्वी यादव से अधिक बुद्धिमान लोगों को लाते। दिलीप जायसवाल ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को लेकर कहा कि सम्राट चौधरी हमारे नेता हैं। वो हमारे उपमुख्यमंत्री हैं। उनके नेतृत्व में भाजपा बहुत अच्छा काम कर रही थी। आगे मुझे काम करने का मौका मिला है। हम सब मिलकर पार्टी संगठन को मजबूत करने का काम करेंगे।
उल्लेखनीय है कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी से सम्राट चौधरी को उतारकर दिलीप जायसवाल को बिठा दिया है। वह बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं और सरकार में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री हैं। कहा जा रहा है कि जातीय गणित सेट करने वाला दांव फेल होने के बाद भाजपा अपनी पुरानी रणनीति पर लौट आई है।
दरअसल, इससे पहले बिहार भाजपा की कमान सम्राट चौधरी के हाथ में थी। सम्राट कुशवाहा बिरादरी से आते हैं। पार्टी ने उनको उस वक्त प्रदेश अध्यक्ष बनाया था, जब नीतीश कुमार एनडीए छोड़कर महागठबंधन के साथ चले गए थे। पार्टी को उम्मीद थी कि वह (सम्राट चौधरी) नीतीश कुमार के लव-कुश वोट बैंक में तोड़फोड़ करेंगे और कुश (कुशवाहा) को अपनी तरफ लाएंगे।
लेकिन लोकसभा चुनाव में वह पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुए। वह अपनी जाति के मतदाताओं को भाजपा या एनडीए में लाना तो दूर की बात राजद में जाने से भी नहीं रोक पाए। वहीं दूसरी ओर भाजपा का कोर वैश्य मतदाता भी पार्टी में अपनी उपेक्षा होते देख खिसक गया।
भाजपा के रणनीतिकार अभी भी पिछड़ा या दलित से ही प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की कवायद कर रहे थे, लेकिन अंतिम समय में पार्टी ने अपना निर्णय बदलते हुए पिछड़ा और पिछड़ा में भी वैश्य जाति से आने वाले दिलीप जायसवाल का प्रदेश अध्यक्ष बनाया।
बिहार में वैश्य समाज की 27 प्रतिशत आबादी है। लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय वैश्य महासभा के प्रदेश महासचिव संजय जायसवाल ने कहा था कि अभी तक चुनाव में हमें उचित भागीदारी नहीं मिलती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं चलने वाला है। इसका नतीजा ये हुआ कि भाजपा का परंपरागत वोट खिसक गया था।