नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को दिल्ली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि कैग (भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक) ने सभी के लिए 'मुफ्त पानी' के उनके दावे का पर्दाफाश किया और सार्वजनिक क्षेत्र की कई इकाइयां घाटे में चल रही थीं। कैग की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए भाजपा के अमित मालवीय ने कहा कि आप सरकार ने उन अधिकांश योजनाओं को लागू नहीं किया जिनकी उन्होंने घोषणा की और प्रचार किया।
भाजपा नेता ने कहा कि चार साल की देरी के बाद 5 जुलाई को दिल्ली विधानसभा में पेश कैग की रिपोर्ट ने केजरीवाल के 'मुफ्त पानी' के दावों को पूरी तरह से उजागर कर दिया। अमित मालवीय ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए लिखा, "अधिकांश कॉलोनियों में नहीं है पानी! लोग टैंकरों पर निर्भर हैं और गुणवत्ता नियंत्रण नहीं है। सीवरेज सुविधाओं के अभाव में भूजल दूषित होता है।" उन्होंने रिपोर्ट से कुछ निष्कर्ष साझा किए जिसमें कहा गया था कि दिल्ली जल बोर्ड की पूंजीगत संपत्ति और सहायता अनुदान को अन्य उद्देश्यों के लिए डायवर्ट किया गया था।
इसमें यह भी कहा गया कि 80 प्रतिशत अनधिकृत कॉलोनियां अभी भी पाइप से पानी की आपूर्ति के बिना थीं और 576 अनधिकृत कॉलोनियां पानी के टैंकरों पर निर्भर थीं। मालवीय द्वारा साझा किए गए पेज में कहा गया, "'वेस्ट लक्ष्मी मार्केट और खुरेजी खास में सीवर लाइनों के प्रतिस्थापन' परियोजना के 2.16 करोड़ रुपये के बजट में से 37 लाख रुपये शिलान्यास समारोह के विज्ञापनों पर खर्च किए गए।"
एक अन्य ट्वीट में मालवीय ने कहा कि 2017-18 से 2020-21 तक की कैग रिपोर्ट ने दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों और मंत्रालयों के खातों और वित्त में गंभीर प्रकृति की कई अनियमितताओं की ओर इशारा किया है। उन्होंने कहा कि हर पीएसयू घाटे में है। उनके द्वारा साझा किए गए विवरण के अनुसार, दिल्ली सरकार की सात कंपनियों को 31,724 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है और दिल्ली की बिजली कंपनियों को 2,561 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।
मालवीय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली परिवहन विभाग को 29,143 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जबकि दिल्ली जल बोर्ड को 27,660 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। भाजपा नेता ने यह भी कहा कि केजरीवाल, जो बड़ी-बड़ी घोषणाएं करते रहते हैं और उन्हें बढ़ावा देने के लिए भारी मात्रा में खर्च करते हैं, वास्तव में अधिकांश को लागू नहीं करते हैं।
उन्होंने कहा कि कैग की रिपोर्ट में दिल्ली में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए अप्रयुक्त धन की ओर इशारा किया गया है। जिन योजनाओं में धन का कम उपयोग किया गया उनमें सीएम एडवोकेट वेलफेयर स्कीम, डीएनए टेस्ट लैब-निर्भया फंड, स्वच्छ भारत मिशन और क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर शामिल थे।