नई दिल्ली: गीता प्रेस को साल 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार प्रदान किए जाने की घोषणा के बाद इस पर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा गीता प्रेस को मिले इस सम्मान की आलोचना करते हुए कहा था कि ये फैसला वास्तव में एक उपहास है और सावरकर-गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है।
अब भाजपा ने कांग्रेस पर एक बार फिर से पलटवार किया है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने नई दिल्ली में मंगलवार, 20 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि कांग्रेस ने भारतीय संस्कृति का अनादर किया है।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "मुस्लिम लीग बिल्कुल धर्मनिरपेक्ष है और आरएसएस सांप्रदायिक, यह आज का एजेंडा नहीं है। यह एक एजेंडा है जो नेहरू जी के जमाने का है। ये विचार जो है वो खानदानी है, ये सोच उनकी रूहानी है। इसलिए मैं दोहराना चाहता हूं कि गीता प्रेस, गोरखपुर मुद्दे पर कांग्रेस ने जो चरित्र दिखाया है, वह भारत, भारतीय संस्कृति, हिंदुत्व और महात्मा गांधी के आदर्शों के प्रति उनका अनादर दिखाता है।"
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जिस भारतीय मुस्लिम लीग से केरल में कांग्रेस ने गठबंधन किया है उसके संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के सहयोगी थे। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि नाम बदलने से चरित्र नहीं बदलता।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गीताप्रेस को हिंदुत्व की विचार धारा का समर्थक बताते हुए अक्षय मुकुल की किताब का उदाहरण दिया था। इसके जवाब में मनोहर मालगांवकर की किताब का उदाहरण देते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि उन्होंने मैन हू किल्ड गांधी के नाम से किताब लिखी थी। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि इस किताब के अनुसार गांधी की हत्या के चल रहे मुकदमे में डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने कहा था कि सावरकर पर कोई मामला नहीं बनता है और उन्हें फंसाने का प्रयास किया जा रहा है।
बता दें कि जयराम नरेश के बयान का विरोध कांग्रेस के अंदर से भी हुआ है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस नेता को लताड़ लगाते हुए कहा कि गीता प्रेस का विरोध “हिंदू विरोधी” मानसिकता की पराकाष्ठा है। राजनैतिक पार्टी के “ज़िम्मेदार” पदों पे बैठे लोगों को इस तरह के धर्म” विरोधी बयान नहीं देने चाहिए जिसके “नुकसान” की भरपायी करने में “सदियां” गुज़र जाएं। इस ट्वीट को उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को टैग किया है।