मुंबई: भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष मोहित कंबोज ने महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक पर 100 करोड़ की मानहानि का मुकदमा दायर किया है। मोहित कंबोज का आरोप है कि क्रूज ड्रग्स केस में नवाब मलिक ने उन पर और उनकी परिवार को लेकर गलत आरोप लगाए।
दरअसल, नवाब मलिक पिछले कई दिनों से नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के कामकाज को लेकर हमलावर हैं। मलिक लगातार कई दिनों तक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करते रहे और एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर गंभीर आरोप लगाए। इसी दौरान उन्होंने कंबोज पर भी आरोप लगाए।
कंबोज ने पहले भेजा था नवाब मलिक को नोटिस
कंबोज ने इससे पहले 9 अक्टूबर को नवाब मलिक को नोटिस भेजा था। इसमें उन्होंने कहा था कि मलिक अपने बयान से बाज आएं। मलिक ने हालांकि कदम पीछे करने की बजाय 11 अक्टूबर को एक बार फिर एक न्यूज चैनल पर वापस वही आरोप लगाए। इसके बाद कंबोज ने फिर नोटिस भेजा था और कहा था कि मलिक या तो अपने आरोपों को साबित करें या फिर ऐसी बयानबाजी बंद करें।
इसके बाद भाजपा नेता ने 26 अक्तूबर को मझगांव में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के न्यायालय के समक्ष एक आपराधिक शिकायत दर्ज की। इसके बाद कंबोज ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए 100 करोड़ का मुकदमा भी कर दिया।
'नवाब मलिक द्वारा लगाए गए आरोप दुर्भावनापूर्ण'
कंबोज की याचिका में उनके भारतीय जनता युवा मोर्चा से राजनीतिक जुड़ाव और कद का जिक्र किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि वे कारोबार करते हैं। याचिका में कहा गया है कि मलिक द्वारा लगाए गए आरोप दुर्भावनापूर्ण हैं।
याचिका में मांग रखी गई है कि मुकदमे की सुनवाई और अंतिम निपटान तक अदालत को आदेश पारित करना चाहिए कि मलिक पर ऐसे रोक लगाए जाएं ताकि उनकी मानहानि न हो। कंबोज ने कहा है कि 9 और 11 अक्टूबर को अपने बयानों से मलिक ने उनकी और उनके परिवार की छवि धूमिल करने का प्रयास किया है।
दरअसल, ड्रग्स केस में नवाब मलिक ने कहा था कि आठ की जगह 11 लोगों को हिरासत में लिया गया था। बाद में बीजेपी नेता का फोन आया और तीन लोगों को छोड़ा गया। मलिक ने दावा किया था था कि छोड़े गए लोगों में मोहित कंबोज का साला भी शामिल था।