लाइव न्यूज़ :

बिहार में नसबंदी कराने के 2 साल बाद महिला हुई गर्भवती, अब हर्जाने के तौर पर 11 लाख रुपये की मांग की

By अनुराग आनंद | Updated: March 12, 2021 13:06 IST

महिला ने बताया कि उसने 27 जुलाई 2019 को मोतीपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में परिवार नियोजन ऑपरेशन कराया था।

Open in App
ठळक मुद्देकुछ दिनों पहले, उसे पता चला कि वह फिर से गर्भवती हो गई है और पांचवें बच्चे की मां बनने वाली है। महिला ने बताया कि उसके पति एक दिहाड़ी मजदूर हैं और आजीविका कमाने के लिए डेढ़ महीने पहले हरियाणा के पानीपत चले गए हैं।

पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली एक महिला ने आरोप लगाया है कि सरकारी अस्पताल में नसबंदी कराने के बावजूद वह 2 साल बाद गर्भवती हो गई। महिला ने राज्य सरकार से 11 लाख रुपये मुआवजे की मांग करते हुए अब मुजफ्फरपुर में जिला उपभोक्ता फोरम का रुख किया है।

इंडिया डॉट कॉम के मुताबिक, फूलकुमारी देवी नाम की 30 वर्षीय महिला के पास पहले से ही चार बच्चे हैं और वह पांचवां बच्चा नहीं चाहती थी। ऐसे में करीब दो साल पहले उसने ऑपरेशन कराने का फैसला लिया था। लेकिन, इसके बाद भी डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से न चाहकर भी एक बार फिर से महिला गर्भवती हो गई है। 

महिला ने बताया कि उसने 27 जुलाई 2019 को मोतीपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में परिवार नियोजन ऑपरेशन कराया था। हालांकि, कुछ दिनों पहले, उसे पता चला कि वह फिर से गर्भवती हो गई है और पांचवें बच्चे की मां बनने वाली है। महिला ने बताया कि उसके पति एक दिहाड़ी मजदूर हैं और आजीविका कमाने के लिए डेढ़ महीने पहले हरियाणा के पानीपत चले गए हैं।

दंपति ने लापरवाही के बदले राज्य सरकार से 11 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है-

पीड़िता ने मीडिया को बताया कि उनकी पहले से ही तीन बेटियां और एक बेटा है। दंपति का कहना है कि वह दूसरे बच्चों के खर्च को वहन नहीं कर सकते हैं, ऐसे में  उन्होंने इस लापरवाही के बदले राज्य सरकार से 11 लाख रुपये के मुआवजे के लिए उपभोक्ता फोरम का रुख किया है।

सिविल सर्जन डॉक्टर हरेंद्र कुमार आलोक ने इस मामले में जांच के आदेश दिए-

परिवार ने यह भी आरोप लगाया है कि डॉक्टर सुधीर कुमार जिन्होंने महिला का ऑपरेशन किया था, उन्होंने इस संबंध में पूछने पर हाल ही में परिवार के लोगों के साथ दो बार दुर्व्यवहार किया है। मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉक्टर हरेंद्र कुमार आलोक ने सोमवार को अपने स्थानांतरण से पहले इस मामले की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि ऐसी सर्जरी कभी-कभी विफल हो जाती हैं।

सिविल सर्जन ने कहा कि ऐसे मामले में पीड़ित को 30,000 रुपये मुआवजा देने का प्रावधान है-

सिविल सर्जन ने कहा कि इस तरह की घटना में पीड़ित को 30,000 रुपये का मुआवजा देने का प्रावधान है। इसके अलावा, राज्य सरकार ऐसे मामलों में डिलीवरी और दवा का खर्च भी वहन करती है। साथ ही डॉक्टर ने कहा कि पीड़ित को इन लाभों के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास दावा करना चाहिए। 

टॅग्स :बिहारमुजफ्फरपुर
Open in App

संबंधित खबरें

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई

भारतBihar: उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने विपक्षी दल राजद को लिया निशाने पर, कहा- बालू माफिया की छाती पर बुलडोजर चलाया जाएगा

भारतबिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान गायब रहे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव

भारत अधिक खबरें

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतIndiGo Flight Cancel: इंडिगो संकट के बीच DGCA का बड़ा फैसला, पायलटों के लिए उड़ान ड्यूटी मानदंडों में दी ढील