पटना: एनडीए में एमएलसी चुनाव को लेकर भारी घमासान मचा हुआ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बंद कमरे में बीजेपी के साथ बैठक करके सीटों पर बंटवारा कर लिया और सहयोगी दलों को इसकी खबर तक नहीं दी। अब इसी मुद्दे को लेकर एनडीए में बगावत के सुर उठने लगे हैं।
पूरे घटनाक्रम पर निराशा जाहिर करते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने खुलकर बीजेपी और जेडीयू की निंदा की है और कहा कि जिस तरह से भाजपा और जदयू ने बिना बताये आपस में सीटों का बंटवारा किया है। यह गठबंधन के अन्य सहयोगी के लिए बहुत ही दुखद है।
अपने दर्द में वीआईपी पार्टी के मुखिया मुकेश साहनी को शामिल करते हुए माझी ने कहा कि हमारी और मुकेश सहनी की पार्टी बिहार में मौजूदा एनडीए सरकार की सहयोगी है। इसके बाद भी जेडीयू और बीजेपी की ओर से हमें बैठक में नहीं बुलाये जाने का फैसला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
माझी ने जेडीयू-बीजेपी से मिले इस झटके के बाद कहा कि बैठक में जो भी फैसला होता उसे गठबंधन के सभी सहयोगियों के सामने लिया गया होता। लेकिन बहुत दुखद है कि ऐसा नहीं हुआ। मुझे इस बात का बहुत दर्द है, क्योंकि हम तो शायद एक भी सीट की मांग नही करते।
मालूम हो कि जीतन राम माझी की इस व्यथा से पहले रविवार को वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी ने इस बात से नाराज होकर बगावती तेवर अख्तियार कर लिया था।
मुकेश साहनी ने इस फैसले पर जेडीयू-बीजेपी की कड़ी आलोचना करते हुए घोषणा कर दी कि उनकी पार्टी एमएलसी चुनाव की सभी 24 सीटों पर जेडीयू-बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ेगी। साहनी ने इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि उसने उनकी पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है।
जानकारी के मुताबिक हम और वीआईपी को बगैर कोई सूचना दिये बीजेपी और जेडीयू ने एमएलसी चुनाव में 13 और 11 सीटों का आपस में बंटवारा कर लिया है। वहीं बीजेपी ने अपने हिस्से की एक सीट पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को दी है।