पटनाः बिहार के पूर्व मंत्री राजबल्लभ यादव की पत्नी और राजद विधायक विभा देवी ने अपने ही नेता तेजस्वी यादव पर नीतीश सरकार के विश्वासमत के दौरान पैसे का खेल करने और लोकसभा चुनाव में टिकट बेचे जाने का गंभीर आरोप लगा दिया है। विभा देवी ने आरोप लगाया कि जब सरकार बनाने-बिगाड़ने का खेल चल रहा था, तब तेजस्वी के साथ रहने वाले उनके कुछ करीबी नेताओं ने उनसे भारी धनराशि की मांग की थी। वह यह रकम नहीं दे सकीं। इसके बावजूद उन्होंने और विधायक प्रकाश वीर ने पार्टी नहीं छोड़ी। जबकि कई नेताओं ने उन्हें पाला बदलने का प्रलोभन दिया था। उन्होंने कहा कि यही उनकी गलती थी कि वह तेजस्वी को गलत काम के लिए पैसा नहीं दे सकीं। विभा देवी ने कहा कि उनके पति राजबल्लभ प्रसाद वर्षों से जेल में हैं। उनके पास करोड़ों रुपये का इंतजाम करने का कोई जरिया नहीं था।
फिर भी उन्होंने और प्रकाश वीर ने धर्म और कर्तव्य निभाते हुए तेजस्वी के साथ खड़े रहना चुना। इस दौरान तेजस्वी ने लोकसभा चुनाव की चर्चा शुरू की थी। तब राजबल्लभ प्रसाद ने साफ कहा था कि उनका परिवार अब राजनीति में सक्रिय नहीं रहेगा। उन्होंने यह भी कहा था कि वह जेल में हैं, सजायाफ्ता हैं और उन्हें वोट देने का भी अधिकार नहीं है।
राजबल्लभ प्रसाद ने लालू प्रसाद से कहा था कि अच्छे नेता बनने के लिए पांच गुण जरूरी होते हैं- झूठ बोलना, जनता को ठगना, भाई-भाई में लड़ाई कराना, घूस लेना और बड़े नेताओं की खुशामद करना। उन्होंने कहा कि इनमें से कोई गुण उनमें नहीं है। इसलिए वह राजनीति से दूर रहना चाहते हैं।
राजद विधायक ने कहा कि तेजस्वी ने तब पूछा था कि नवादा लोकसभा सीट कैसे जीती जाएगी, क्योंकि इस बार वन टू वन फाइट है। इस पर राजबल्लभ प्रसाद ने कहा था कि ऐसा उम्मीदवार भेजिए जो इन पांचों गुणों में थोड़ा कम हो। ऐसे उम्मीदवार को वह पूरा समर्थन देंगे। विभा देवी ने पूछा कि क्या विनोद यादव राजबल्लभ प्रसाद के उम्मीदवार थे?
उन्होंने कहा कि विनोद यादव वास्तव में तेजस्वी और लालू प्रसाद के उम्मीदवार थे। जब उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया शुरू हुई थी, तब तेजस्वी ने फोन कर पूछा था कि किसे उम्मीदवार बनाना है? तब राजबल्लभ प्रसाद ने साफ कहा था कि उनका कोई उम्मीदवार नहीं है। आखिरी समय में विनोद यादव का टिकट किस आधार पर काटा गया, यह सब जानते हैं। हजारों लोग उस समय तेजस्वी के आवास पर मौजूद थे।
नवादा के लोगों ने देखा कि सरवन कुशवाहा ट्रॉली बैग में कौन सा दस्तावेज लेकर गए थे। विभा देवी ने कहा कि उन्होंने, उनके जेठ कृष्णा प्रसाद, स्व. जेहल प्रसाद या जेल में बंद राजबल्लभ प्रसाद ने कभी वोट का सौदा नहीं किया। यह नवादा है, राघोपुर नहीं, जहां एक दिन में करोड़ों रुपये बांटे जाते हैं। उन्होंने कहा कि नवादा के सैकड़ों परिवारों से उनका नाता है।