पटना:बिहार में सियासत का ऊंट किसी भी पल किसी भी करवट बैठ सकता है। राजधानी पटना में राजनीतिक घटनाक्रम बेहद तेजी से बदल रहे हैं। इस बीच खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने अपने सभी विधायकों के साथ राजनीतिक हालात पर चर्चा करने के लिए बैठक की।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार जदयू विधायकों की बैठक में इस बात पर सर्व सम्मति से फैसला लिया गया है कि पार्टी की ओर से अध्यक्ष नीतीश कुमार कोई भी फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं।
इस बीच बिहार में राज्यपाल आवास पर सुरक्षा को बड़ा दिया गया है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसी भी समय राज्यपाल ज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलकर महागबंधन सरकार से अपना त्यागपत्र उन्हें सौंपें सकते हैं।
वहीं दूसरी ओर बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने रविवार को कहा कि भाजपा बिहार के घटनाक्रम को लेकर बेहद गंभीर है। पार्टी पूरी तरह से 'अलर्ट' मेड में है और राज्य की घटनाओं पर बारीकी से निगाह बनाये हुए है।
समाचार एजेंसी एएनआ से बात करते हुए भाजपा नेता अजय आलोक ने रविवार को कहा, "अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सत्तारूढ़ महागठबंधन पर लगाम लगानी है, जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा है तो यह सरकार जल्द से जल्द गिरनी चाहिए।"
उन्होंने कहा, "हम बिहार में सबसे बड़ी पार्टी हैं। हम सतर्क हैं और घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं। हम बिहार में बदलती राजनीतिक स्थिति से वाकिफ हैं। जब अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन की बात आएगी तो हम एक कदम भी पीछे नहीं हटेंगे। हम बिहार को ऐसे ही जंगल राज' के हाथ में नहीं छोड़ सकते हैं। अगर इस सरकार को गिरना है तो मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि यह आज ही हो जाए।''
उनकी टिप्पणी इन अटकलों के बीच आई है कि सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) सुप्रीमो नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में फिर से शामिल होंगे, जिससे राज्य में 'महागठबंधन' शासन का अंत होगा।
राज्य में सत्ता के बाजीगरी का का खेल तब शुरू हुआ जब सीएम नीतीश कुमार पर राजद अध्यक्ष लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर कटाक्ष करते हुए पोस्ट किया कि 'सोशलिस्ट पार्टी' (जेडीयू) खुद को प्रगतिशील बताती है, लेकिन वा के बदलते रुख के साथ इसकी विचारधारा बदल जाती है। रोहिणी के इस तेवर के बाद सत्ता पर काबिज महागठबंधन में दरार आ गई थी।