पटनाः बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मंगलवार को विधानसभा में नीतीश सरकार से बिहार में आरक्षण की सीमा को 65 फीसदी करने के प्रावधान को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट ने आरक्षण के मामले को निरस्त कर दिया है तो निश्चित तौर पर हम सरकार से मांग करते हैं कि तुरंत कमेटी बनाया जाए। वह कमेटी पूरे मामले की समीक्षा करें और समीक्षा के रिपोर्ट के बाद तुरंत उसे रिपोर्ट के आधार पर कैबिनेट में दोबारा आरक्षण लाया जाए। जिसमें 85 फीसदी आरक्षण का आधार रखा जाए।
तुरंत बिहार कैबिनेट उसको स्वीकार करे, उसके बाद केंद्र सरकार से अनुशंसा भेजे की नवमी अनुसूची में इसे डालें। तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर नीतीश सरकार चाहे तो आरक्षण को 65 फीसदी की जगह 75 फीसदी भी कर दे और 10 फीसदी ईडब्लूएस का आरक्षण रहेगा। हम 85 फीसदी आरक्षण करने का समर्थन करेंगे।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जब हमारे साथ थे तो ठीक थे और ठीक रहते हैं। जब भाजपा के साथ जाते हैं तो उधर के हो जाते हैं। तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार पर संगत का असर पड़ गया है। जब नीतीश कुमार थे तो उन्होंने ही प्रस्ताव लाया हम लोग साथ थे, लेकिन अब नीतीश कुमार पूरे मामले पर कुछ नहीं बोला है।
हमारी मांग है कि तुरंत कैबिनेट में एक नया प्रस्ताव लाइए उसको तुरंत मंजूर कीजिए और आरक्षण 85 फीसदी बढ़ाये। हम साथ देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार आरक्षित लोगों के रोजगार को लेकर चिंतित है तो आनन-फानन में यह बिल जाए हमलोग पास करा देंगे। वहीं सदन में तेजस्वी ने कहा कि आज संविधान दिवस है।
ऐसे में सरकार को आज के दिन यह बताना चाहिए कि बिहार में आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 65 फीसदी करने का प्रावधान लागू करने में देरी क्यों हो रही है। तेजस्वी ने कहा कि मेरे जन्मदिन के दिन ही 9 नवंबर 2023 को आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 65 फीसदी करने का प्रावधान लाया गया था।
उसी दिन सीएम नीतीश ने मंत्रिमंडल की बैठक में भी यह चिंता जताई थी कि भाजपा के लोग इसके खिलाफ कोर्ट जाकर इसे निरस्त कराने का षड्यंत्र रच सकते हैं। महागठबंधन सरकार ने केंद्र सरकार से आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 65 फीसदी करने के प्रावधान को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाए।
लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने ऐसा नहीं किया। वहीं कोर्ट ने 20 जून 2024 को इसे निरस्त कर दिया। तेजस्वी ने कहा कि संविधान दिवस पर हम नीतीश सरकार से अनुरोध करते हैं कि कोर्ट ने 65 फीसदी आरक्षण के प्रावधान को स्टडी करने की बात कही है तो विधानसभा की एक कमेटी बनाई जाए।