RJD and JDU: केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह ने शनिवार को दावा किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और लालू प्रसाद के राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विलय की ओर बढ़ रहे हैं। बयान पर बिहार की सियासत में कयासबाजी का दौर भी तेज हो गया है।
पिछले कुछ दिनों से चर्चा का बाजार फिर से गर्म है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू यादव कोई ऐसा फैसला करेंगे जो सबसे बड़े राजनीतिक उलटफेर की बानगी बनेगा। इसमें जदयू का राजद में विलय होने की बातें सबसे प्रमुख है। अगर ऐसा हुआ तो यह बिहार ही नहीं देश की सियासत के लिए एक बड़े बदलाव का सूचक बन जाएगा।
वहीं कई स्थापित राजनेताओं का कद भी बदल जाएगा। उल्लेखनीय है कि भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि जदयू टूटने की ओर बढ़ रही है और अगले चुनाव से पहले जदयू का राजद में विलय हो जाएगा। अब सुशील मोदी की बातों को ही आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी यही दोहराया है।
उन्होंने दावा किया है कि नीतीश कुमार की पार्टी जदयू राजद में विलय होने वाली है और नीतीश कुमार की भूमिका भी तय कर दी गई है। ऐसे में भाजपा नेताओं के इन दावों ने सियासी भूचाल मचा दिया है। इस बीच, 29 दिसंबर को राजधानी दिल्ली में जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति और राष्ट्रीय परिषद की बैठक होने जा रही है।
इस को लेकर कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। चर्चा यह कि इस बैठक में नीतीश कुमार ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाने के अलावे जदयू का राजद में विलय संबंधी प्रस्ताव पर भी मुहर लगवा सकते हैं। इसको लेकर जोरदार चर्चा है।
हालांकि शनिवार को ललन सिंह ने ऐसी खबरों का खंडन किया है। इस बीच दावा यह भी किया जा रहा है कि ललन सिंह की इन दिनों लालू यादव और तेजस्वी यादव के करीबी हो गए हैं। ऐसे में राजनीति के जानकारों का मानना है कि अगर दोनों दल एक साथ आते हैं तो इससे उनके साथ रहने वाले कई नेताओं को झटका लगेगा।
सिंह ने शरारती अंदाज में कहा, ‘‘ लालू जी से मेरा व्यक्तिगत समीकरण है। उन्होंने मेरे कान में कई ऐसी बातें कहीं जिन्हें मैं सार्वजनिक रूप से सामने नहीं रख सकता। लेकिन मैं आपको इतना तक बता दूं कि जदयू का शीघ्र ही राजद के साथ विलय होने जा रहा है।’’ उल्लेखनीय है कि प्रसाद और सिंह हाल में दिल्ली से लौटते समय एक ही विमान में थे।
राजद सुप्रीमो प्रसाद विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में भाग लेने दिल्ली गये थे जबकि केंद्रीय मंत्री अभी-अभी समाप्त हुए संसद के सत्र में हिस्सा ले रहे थे। बृहस्पतिवार शाम को पटना पहुंचने पर सिंह ने पत्रकारों से कहा था कि विमान में उनके चिर प्रतिद्वंद्वी प्रसाद ने उनसे कहा था , ‘‘ (बेटे और उपमुख्यमंत्री) तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने का वक्त आ गया है।’’
तेजस्वी यादव जोकि उसी विमान में मौजूद थे, ने उनके और नीतीश कुमार के बीच दूरी पैदा करने की (सिंह की) कोशिश को बाद में यह दावा करते हुए खारिज कर दिया कि असल में केंद्रीय मंत्री (सिंह) ने उनसे और उनके पिता के साथ बातचीत के दौरान भाजपा और केंद्र सरकार में अपने अनिश्चित भविष्य को लेकर चिंता व्यक्त की थी।
जब तेजस्वी यादव से भाजपा नेता के ‘विलय संबंधी’ दावे के अनुमान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘ सिंह कुछ सुर्खियां बटोरने की हताश कोशिश में ऐसे बयान देना पसंद करते हैं। यदि वह अनाप-शनाप नहीं बोलेंगे तो कोई उनपर ध्यान नहीं देगा।’’
ऐसी ही राय जदयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ ने भी व्यक्त की, जब उनसे राजद के साथ विलय के अनुमान के बारे में पूछा गया। ललन ने कहा, ‘‘ हम गिरिराज सिंह की चर्चा न करें। वह टीआरपी वाले अटकलबाज हैं। वह ऐसी बातें कहते रहेंगे जिनसे उन्हें सुर्खियों में बने रहने में मदद मिलेगी। ’’