पटना: बिहार की सियासत में आजकल सबसे अधिक गर्माहट दिख रही है। जदयू और भाजपा के बीच की दोस्ती टूटने के बाद से ही दोनों दलों द्वारा एक दूसरे को मात देने की कोशिश में जुटे हुए हैं। भाजपा के द्वारा जदयू को अबतक कई झटके दिए जा चुके हैं। लेकिन जदयू अब भाजपा को झटका देने की तैयारी में जुटी है। इसका संकेत जदयू नेता लगातार दे रहे हैं। सियासी गलियारे में चल रही चर्चाओं पर अगर गौर करें तो जदयू ने भाजपा के कद्दावर नेता सुरेश शर्मा को जल्द ही पार्टी में शामिल करा सकती है।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने भाजपा नेता सुरेश शर्मा के बेटे के साथ अपनी तस्वीर ट्विटर पर शेयर की है। हालांकि, उन्होंने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया है। लेकिन चल रही चर्चाओं के अनुसार भाजपा को झटका देने से पहले का संकेत बताया जा रहा है।
बता दें कि तिरहुत क्षेत्र में सुरेश शर्मा भाजपा के बड़े नेता हैं। वे बिहार के नगर विकास मंत्री भी रह चुके हैं। सुरेश शर्मा को लेकर जदयू के नेताओं का कहना है कि भाजपा में उनकी उपेक्षा की जा रही है। सुरेश शर्मा के बेटे राजीव शर्मा ने ललन सिंह से मुलाकात की है। इससे पहले ललन सिंह ने कहा था कि सुरेश शर्मा को भाजपा के नेताओं ने जानबूझ कर चुनाव हरवाया।
ललन सिंह ने भूपेंद्र यादव और नित्यानंद राय का नाम लेकर कहा था कि इन लोगों ने मुजफ्फपुर में राम सूरत राय को स्थापित करने के लिए सुरेश शर्मा को चुनाव हरा दिया। ललन सिंह ने सुरेश शर्मा को जदयू में आने का न्यौता भी दिया था। अब ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वे सुरेश शर्मा कि जदयू में शामिल करा सकते हैं।
हालांकि सुरेश शर्मा ने कहा था कि वे शुरू से भाजपा के साथ जुड़े रहे। एक कार्यकर्ता के तौर पर भाजपा से जुड़े और मंत्री-विधायक बने। उनका कही और जाने का कोई प्लान नहीं है। लेकिन उन्होंने स्वीकार किया है कि ललन सिंह ने उनसे एक आयोजन में आने के लिए संपर्क साधा है।