पटनाः बिहार में मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने बाढ़ कांड में उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.
हालांकि उन्हें पंडारक केस में कोर्ट ने जमानत दे दी है. अनंत सिंह के खिलाफ दो मामलों में जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही थी. जिसमें एक में उनकी बेल पिटिशन को कोर्ट ने मंजूर कर दिया और दूसरे में नामंजूर कर दिया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार अनंत सिंह को हत्या की साजिश मामले में पटना हाइकोर्ट ने जमानत दे दी, लेकिन उनके पैतृक घर लदमा से एके-47 समेत अन्य हथियार बरामदगी मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया. इन दो नियमित जमानत याचिकाओं पर न्यायाधीश प्रभात कुमार झा ने सुनवाई की.
बाढ़ थाना कांड 389/2019 पिछले साल जुलाई में उनके बाढ स्थित पैतृक घर से एके-47 समेत अन्य अवैध हथियार बरामदगी से संबंधित है. इस मामले में उनके विरुद्ध यूएपीए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में विधायक अनंत सिंह ने दिल्ली के साकेत कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था.
दूसरा मामला पंडारक थाना कांड संख्या 75/2019 हत्या की साजिश से जुडा है. इस मामले में हथियार के साथ गिरफ्तार दो लोगों ने पुलिस को बताया था कि वे लल्लू मुखिया के कहने पर भोला सिंह के भाई मुकेश सिंह की हत्या के लिए आए थे. इस मामले में विधायक अनंत सिंह को छोड़कर अन्य आरोपितों गोलू कुमार, लल्लू मुखिया, रणवीर यादव और पुरूषोतम कुमार उर्फ़ चंदन सिंह को पहले ही पटना हाईकोर्ट से ज़मानत मिल चुकी है और आज इस मामले में विधायक अनंत सिंह को भी जमानत दे दी गई.
यहां बता दें कि यह वही मामला है जिसमें पंडारक में हथियार के साथ दो लोग गिरफ़्तार हुए थे और गिरफ़्तार लोगों ने बताया था कि वे लल्लू मुखिया के कहने पर भोला सिंह के भाई मुकेश सिंह की हत्या के लिए आए थे. इन दोनों के मोबाइल में बातचीत का एक ऑडियो वायरल हुआ था. जिसमें कथित रूप से विधायक की आवाज बताई गई थी.
वहीं, पिछले साल अनंत सिंह के पैतृक आवास बाढ़ के लदमा में छापेमारी के दौरान पुलिस को एके-47 राइफल समेत कई आपत्तिजनक हथियार और विस्फोटक मिले थे, जिसके बाद कई मामलों में केस दर्ज किया गया था. इसी मामले में अनंत सिंह के ऊपर आतंकवाद विरोधी कानून- 'गैरकानूनी गतिविधियां (निरोधक) अधिनियम' यानी कि यूएपीए एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया था.
बाढ़ थाना कांड 389/2019 का मामला पिछले साल जुलाई उनके बाढ़ स्थित पैतृक घर से एके 47 समेत अन्य अवैध हथियार का पुलिस छापेमारी में बरामदगी से संबंधित है. इस मामले में भी पटना उच्च न्यायालय में सुनवाई की गई. जिसमें कोर्ट ने बेल पिटिशन को नामंजूर कर दिया.