पटनाः बिहार के भोजपुर व पटना के चर्चित सेक्स रैकेट के मामले में फरार चल रहे संदेश के राजद विधायक अरुण यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. पुलिस ने अब उनपर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.
पुलिस-प्रशासन की टीम विधायक की करीब 12 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्ति (जमीन व मकान) जब्त करने में जुटी है. साथ ही उन पर इनाम घोषित करने का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया है.
यहां बता दें कि 12 साल की दलित लड़की के साथ दुष्कर्म कर फरार राजद के विधायक अरुण यादव पर अब पुलिस अचानक से हरकत में आ गई है. भोजपुर पुलिस ने अब कहा है कि विधायक अरुण यादव ने अपराध के जरिये अकूत संपत्ति बनाई है.
पुलिस ने ईडी से कहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत विधायक की संपत्ति जब्त करे. एसपी सुशील कुमार ने बताया कि विधायक की चार करोड 90 लाख की संपत्ति जब्त कर ली गई है और कारवाई अभी जारी है. हालांकि, जब्त संपत्ति का यह सरकारी मूल्य है.
बाजार मूल्य लगभग 12 करोड़ बताया जा रहा है
बाजार मूल्य लगभग 12 करोड़ बताया जा रहा है. इसको लेकर इडी को भी संपत्ति जांच करने का जिम्मा दिया गया है. विधायक के पास इतनी संपत्ति कहां से आई? इसकी जांच चल रही है. इनके सभी प्लॉटों को जिला प्रशासन ने जब्त करने के बाद वहां बोर्ड टांग दिये हैं.
साथ ही विधायक के नारायणपुर पीएनबी और पियनिया पीएनबी के खातों को फ्रीज कर दिया गया है. खातों में 14 लाख 80 हजार 439 रुपये जमा हैं. कोर्ट के आदेश पर विधायक को पहले ही फरार घोषित किया गया है. साथ ही उन पर इनाम घोषित करने का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया है. हालांकि, एसपी सुशील कुमार ने पहले से पांच हजार का इनाम घोषित किया है. विधायक जिले के 13 कांडों में पहले से ही अभियुक्त हैं.
भोजपुर पुलिस ने कल ही अगिआंव में विधायक अरुण यादव के 7 प्लॉट को जब्त कर लिया. इस जमीन पर बोर्ड लगा दिया गया है कि ये संपत्ति पुलिस ने कुर्क किया है, लिहाजा कोई इसकी खरीद बिक्री न करे. पुलिस के मुताबिक दुष्कर्म के आरोप में फरार विधायक अरुण यादव के पास भोजपुर जिले से लेकर पटना जिले तक में अकूत संपत्ति है.
करीब 15 एकड़ जमीन के साथ साथ पटना में कई फ्लैट भी शामिल
विधायक की जमीन-मकान की जो फेहरिस्त पुलिस को अब तक हासिल हुई है, उसमें करीब 15 एकड़ जमीन के साथ साथ पटना में कई फ्लैट भी शामिल हैं. पुलिस के मुताबिक इस संपत्ति का रजिस्ट्री मूल्य तकरीबन पांच करोड़ रुपया है. लेकिन बाजार मूल्य साढे़ बारह करोड़ रुपये से कम नहीं है.
भोजपुर के एसपी सुशील कुमार ने बताया कि पुलिस ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि विधायक की अचल संपत्ति की कुर्की का आदेश दिया जाये. कोर्ट का आदेश मिलने के बाद विधायक की अचल संपत्ति कुर्क की जा रही है. उन्होंने कहा कि आरा, भोजपुर से लेकर पटना में विधायक की संपत्ति पाई गई है. कल से उस संपत्ति की कुर्की की प्रक्रिया शुरू की गई है, जो अगले दो-तीन दिनों में पूरी हो जायेगी.
एसपी ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर विधायक के बैंक खाते को भी सीज किया गया है. 2005 के बाद से वांछित आरोपी विधायक द्वारा अवैध तरीके से अर्जित चल एवं अचल संपत्ति की जांच के लिए पीएमएलए के तहत आर्थिक अपराध इकाई, पटना एवं ईडी को प्रस्ताव भेजा जा रहा है.
फरार विधायक की गिरफ्तारी को लेकर लगातार छापेमारी चल रही
फरार विधायक की गिरफ्तारी को लेकर लगातार छापेमारी चल रही है. दंड प्रकिया संहिता की धारा 299 के तहत विधायक के विरुद्ध फरारी रॉल भी कोर्ट में समर्पित हो चुका है. उधर, भोजपुर पुलिस ने अरुण यादव को लेकर तैयार किये गये अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विधायक पर पहले से ही 13 संगीन मामले दर्ज हैं. विधायक ने अवैध तरीके से काफी संपत्ति बनाई है. उल्लेखनीय है कि पीएमएलए एक्ट यानि प्रिवेंसन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई का अधिकार ईडी यानि प्रवर्तन निदेशालय को होता है. पुलिस इसकी अनुशंसा करती है, लेकिन कार्रवाई ईडी को करना होता है.
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि राजद विधायक अरुण कुमार पिछले 11 महीने से फरार चल रहे हैं, लेकिन पुलिस अबतक उन्हें गिरफ्तार करने में सफल नही हो सकी है है. नाबालिग लड़की से दुष्कर्म का मामला पिछले साल जुलाई का है. वहीं, पुलिस पर शुरू से ही इस मामले में सवाल उठते रहे. 12 साल की एक बच्ची को अगवा कर उसके साथ हैवानियत की गई.
पुलिस ने इस मामले के दूसरे आरोपियों को तो गिऱफ्तार कर लिया, लेकिन अरुण यादव खुला घूमते रहे. पुलिस पहले उसके खिलाफ वारंट लेने गई. फिर कुर्की जब्ती का आदेश लेने गई. पुलिस विधायक को फरार बताती रही और विधायक खुलेआम केस को रफा-दफा करने की कवायद में लगा रहा.
पीड़ित लड़की का हस्ताक्षऱ वाला सुलहनामा कोर्ट में पेश कर दिया
इसबीच फरार रहने के दौरान ही अरुण यादव ने अपने साथ साथ पीड़ित लड़की का हस्ताक्षऱ वाला सुलहनामा कोर्ट में पेश कर दिया. कोर्ट ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए पुलिस को जमकर फटकार लगाई. आरा का पॉक्सो कोर्ट ने कई दफे पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए बिहार पुलिस के आलाधिकारियों तक को पत्र लिखा.
लेकिन भोजपुर पुलिस कागजी कार्रवाई करती रही. बिहार में एक दूसरे आपराधिक मामले में आरोपी बने एक दूसरे विधायक को पकड़ने के लिए पुलिस की कार्रवाई जगजाहिर रही है. लेकिन अरुण यादव का बाल बांका नहीं हुआ.लेकिन अब अचानक से भोजपुर पुलिस हरकत में आई है.
भोजपुर पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 12 मई को तीन डीएसपी, 5 इंस्पेक्टर और 19 थानेदारों ने अरुण यादव की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की थी. लेकिन वे नहीं मिले. बता दें कि 19 जुलाई, 2019 को नगर थाने में एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म करने और उसे सेक्स रैकेट में शामिल करने के मामले में पीड़िता के भाई के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
इस मामले में पुलिस ने सेक्स रैकेट की संचालिका अनिता दवी, संजीत कुमार उर्फ छोटू, इजीनियर अमरेश कुमार सिंह, संजय कुमार उर्फ जीजा जी उर्फ पंडित जी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इस कांड के अप्राथमिकी अभियुक्त राजद विधायक अरुण यादव घटना के बाद से फरार चल रहे हैं.
इस मामले में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायालय पॉक्सो अधिनियम आरके सिंह के आदेश पर फरार विधायक के चल-अचल संपत्ति कुर्क की कार्रवाई की गयी है. साथ ही विधानसभा के सचिव और विधानसभा के अध्यक्ष को भी पत्र लिखकर अवगत कराया गया है.