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बिहार: बाहुबली अनंत सिंह की विधायकी खत्म, विधानसभा सचिवालय से अधिसूचना जारी, आरजेडी के लिए झटका

By विनीत कुमार | Updated: July 15, 2022 11:39 IST

बिहार: अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई है। अनंत सिंह के घर से अवैध हथियार मिलने के मामले में सजा सुनाए जाने के बाद से ही उनकी विधायकी पर खतरा मंडरा रहा था।

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ठळक मुद्देमोकामा से बाहुबली विधायक अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई हैअनंत सिंह के घर से अवैध हथियार मिलने के मामले में सजा सुनाए जाने के बाद से विधायकी पर लटक रही थी तलवार।बिहार विधानसभा में आरजेडी विधायकों की संख्या अब 80 से घटकर 79 रह गई है।

पटना: बिहार के मोकामा से बाहुबली विधायक अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई है। इस संबंध में अधिसूचना भी विधानसभा सचिवालय से जारी कर दी गई है। दरअसल, अनंत सिंह के बाढ़ थाना अंतर्गत नदवां गांव स्थित उनके निजी आवास से एके-47 राइफल और हथियार बरामद होने के मामले में दोषी पाए जाने और सजा सुनाए जाने के बाद से ही उनकी विधायकी पर तलवार लटक रही थी। 

अनंत सिंह की विधायकी खत्म होने से आरजेडी को झटका लगा है। विधानसभा में उसके विधायकों की संख्या अब 80 से घटकर 79 रह गई है। अनंत सिंह ने मोकामा सीट से आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जेल में रहते हुए जीत गए थे।

बता दें कि पिछले महीने एमपी-एमएलए अदालत ने अनंत सिंह को अवैध हथियार रखने का दोषी पाया था। इसके बाद 21 जून को कोर्ट ने आर्म्स एक्ट मामले में उन्हें 10 साल की सजा सुनाई थी। अनंत सिंह हत्या, जबरन वसूली, अपहरण और अवैध हथियार रखने सहित कई अन्य आपराधिक मामलों का भी सामना कर रहे हैं।

अनंत सिंह के घर से हथियार मिलने का मामला 16 अगस्त 2019 का है जब करीब 11 घंटे तक चले तलाशी अभियान के दौरान पुलिस द्वारा विधायक के घर से एक एके-47 राइफल, दो हथगोले, 26 कारतूस और एक मैगजीन की बरामदगी से संबंधित है। 

हथियार बरामदगी के बाद फरार रहे सिंह ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि राजनीतिक ताकतें एके-47 राइफल मामले में उनके खिलाफ ‘‘षड्यंत्र’’ कर रहीं हैं और वह पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के बजाय सीधे अदालत में आत्मसमर्पण करेंगे। 

अनंत सिंह ने अगस्त 2019 में नयी दिल्ली में साकेत अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। सिंह वर्ष 2005 से मोकामा विधानसभा सीट से चुनाव जीतते रहे हैं। पहले वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाते थे, हालांकि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उनका कुमार के साथ मतभेद हो गया था जिसके चलते उन्हें जदयू से बाहर होना पड़ा। बाद में वह राजद में शामिल हो गए थे।

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