Bihar Lok Sabha Elections 2024: बिहार में लोकसभा चुनाव का पांचवां चरण समाप्त हो चुका है। अब 25 मई को छठे चरण का मतदान होना है। अब सारा फोकस छठे और सातवें चरण पर है। बचे हुए चरणों के लिए सभी दलों के स्टार चुनाव प्रचारक लगातार प्रचार अभियान में जुटे हैं। एनडीए की ओर से चुनाव प्रचार की कमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभाल रखी है तो बिहार में महागठबंधन को तेजस्वी यादव लीड करते हुए नजर आ रहे हैं। चुनावी प्रचार में तेजस्वी ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। हालांकि, यहां वह पीएम मोदी के सामने धराशाई होते नजर आए।
चुनाव प्रचार के दौरान ही तेजस्वी यादव को कमर में दर्द के कारण व्हील चेयर पर आना पड़ा है। उधर, पीएम मोदी अपनी उम्र को नजरअंदाज करते हुए लगातार चुनाव रैलियां कर रहे हैं। वह बिना थके और बिना रुके पार्टी प्रत्याशी और भाजपा के लिए लागातार वोट मांग रहे हैं। जबकि पीएम मोदी को टक्कर देने के चक्कर में महज 35 साल के तेजस्वी यादव कमर में तकलीफ की वजह से अब व्हीलचेयर पर आ गए हैं। हालांकि, इसके बाद भी वह दवा खाकर और कमर में बेल्ट बांधकर लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं। वह व्हीलचेयर से मंच पर पहुंचते हैं और उसपर बैठे हुए ही जनता को संबोधित करते हैं।
इस दौरान वह जनता को अपनी कमर में बंधी बेल्ट भी दिखाते हैं। लेकिन इस चुनावी गहमागहमी में राजद की ओर से तेजस्वी यादव के अलावे कोई और स्टार प्रचारक मैदान में नही दिखा। जबकि राजद ने अपने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की थी। यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव केवल सारण लोकसभा सीट पर ही सिमट कर रह गए।
ऐसे में जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान पार्षद नीरज कुमार ने सवाल उठाते हुए पूछा है कि इस चुनावी माहौल में तेजस्वी यादव ने राजद प्रमुख लालू यादव को राजनीतिक रूप से नजरबंद क्यों कर दिया है? उन्होंने पूछा कि आपने अपने गठबंधन के घटक दल कांग्रेस, सीपीआई और सीपीएम के नेताओं को चुनाव प्रचार करने क्यों नहीं दे रहे हैं? नीरज कुमार ने लालू प्रसाद यादव पर भी निशाना साधते हुए कहा कि लालू जी अपनी बेटी के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। लालू जी की तबीयत अपनी बेटी के लिए चुनाव प्रचार करने के लिए ठीक हो जाती है।
जबाकि हाजीपुर से दलित समुदाय के प्रत्याशी मैदान में था, सीवान से बुजुर्ग अवध बिहारी चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं और अन्य कई पिछड़े वर्ग के नेता चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन लालू जी उनके लिए चुनाव प्रचार करने नहीं गए। उन्होंने कहा कि अति पिछड़े और दलित समुदाय के नेता के लिए लालू यादव के पास समय नहीं है।