पटनाः बिहार विधानमंडल की बैठक में भाग लेने आईं विधान परिषद में नेता विरोधी दल एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बेटे निशांत कुमार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि नीतीश जी से बिहार संभल नहीं रहा है, इसलिए अब अपने बेटे निशांत कुमार को ही बिहार का मुख्यमंत्री बना दें। वह युवा नेता हैं, अच्छे से बिहार को संभालेंगे। वहीं, राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की है। राबड़ी देवी ने कहा कि हत्या, अपहरण और बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, और अब सरकार नीतीश से संभल नहीं रही। उन्होंने कहा कि महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, व्यापारी डरे हुए हैं और युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा। नीतीश कुमार की सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है।
राबड़ी देवी ने चुनाव आयोग पर भी हमला बोलते हुए कहा कि बाहरी राज्यों में रहने वाले लाखों बिहारियों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं, जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों में काम कर रहे लाखों बिहारियों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं, जो लोकतंत्र के खिलाफ है।
यह एक साजिश है ताकि प्रवासी बिहारी चुनाव में भाग न ले सकें। राबड़ी देवी ने चुनाव आयोग से इस पर स्पष्टीकरण मांगते हुए पूरे मामले की जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग चुप नहीं बैठेगें। अपने अधिकार के लिए लड़ेंगे और जीतेंगे भी।
बिहार में कराए जा रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर विधानसभा में विपक्ष के विधायक घेरेंगे सरकार को, तेजस्वी यादव ने की सदन में चर्चा कराने की मांग
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में कराए जा रहे विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य को लेकर विपक्ष ने मानसून सत्र के पहले दिन सदन के बाहर और भीतर जोरदार हंगामा किया। वहीं, सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद महागठबंधन विधायक दल की अहम बैठक हुई, जिसमें अगले चार दिनों के भीतर सदन में सरकार को घेरने की रणनीति तय हुई।
बढ़ते अपराध और एसआईआऱ के खिलाफ विपक्ष के विधायक मंगलवार को काला कपड़ा पहनकर विधानसभा आएंगे। विधायक दल की बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बताया कि आज से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हुआ है। अभी महागठबंधन के विधायक दल की बैठक हुई है।
हमलोगों ने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की है कि मतदाता सूची पुनरीक्षण के मामले पर विधानसभा में चर्चा कराई जाए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि विधानसभा में इस मुद्दे पर हर हाल में चर्चा कराई जाए नहीं तो इसके गंभीर नतीजे होंगे। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची से नाम कटने की साजिश पर चर्चा कराना जरूरी है।
तेजस्वी यादव ने चेतावनी दी कि अगर विधानसभा में इस विषय को नजरअंदाज किया गया तो इसका राजनीतिक और लोकतांत्रिक जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर बिहार विधानसभा है और बिहार लोकतंत्र की जननी है। अगर यहीं से लोकतंत्र समाप्त करने की कोशिश की जाएगी तो हम लोग चुप नहीं बैठेंगे।
सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेंगे। विधानसभा से लोकसभा तक इस मुद्दे को नहीं छोड़ेंगे। गरीबों और वंचितों के वोट काटने की साजिश को बेनकाब किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में जानबूझकर गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों के मतदाता सूची से नाम हटाए जा रहे हैं, ताकि चुनाव में उन्हें वोट देने से रोका जा सके।
तेजस्वी ने कहा कि लोकतंत्र जिंदा रहे और उसका अस्तित्व न मिटाया जाए, इसके लिए हम लोग यह लड़ाई लड़ेंगे। अगर सरकार और विधानसभा अध्यक्ष चर्चा के लिए तैयार नहीं होंगे तो आने वाले समय में इन्हें जवाब देते नहीं बनेगा। इसको लेकर हमने सभी नेताओं को चिट्ठी लिखी है। तेजस्वी ने कहा कि संसद में भी विपक्षी दल इस मुद्दे को मजबूती के साथ उठा रहे हैं।
इसके साथ ही साथ बिहार में भी मंगलवार को बहुत मजबूत तरीके से हमलोग इस मुद्दे को उठाने जा रहे हैं। सरकार को किसी भी कीमत पर इस मुद्दे पर सदन में चर्चा कराना ही पड़ेगा। उन्होंने बताया कि मंगलवार को महागठबंधन के सभी विधायक काला कपड़ा पहनकर सदन पहुंचेंगे और अपना विरोध दर्ज कराएंगे।