पटनाः बिहार विधानमंडल के बजट के सोमवार को सातवें दिन विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने प्रश्नकाल की शुरुआत की। लेकिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के सदस्य खड़े हो गए। भाकपा-माले विधायक अपनी बात कहना चाहते थे। इसपर विधानसभा ने कहा कि प्रश्नकाल बाधित न करें। समय पर अपनी बात कहिएगा। इसके बाद सदन में प्रश्नकाल की शुरुआत हुई। इसी बीच सदन में राजद विधायक ललित यादव और विधानसभा अध्यक्ष से भिड़ गए। राजद विधायक और विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव में जमकर तू-तू-मैं-मैं हुई। ललित यादव ने विधानसभा अध्यक्ष पर पक्षपात का आरोप लगाया।
दरअसल, प्रश्नकाल के दौरान अध्यक्ष सीरियल नंबर से विधायकों का सवाल पूछने के लिए नाम ले रहे थे। वहीं जब विधानसभा अध्यक्ष ने राजद विधायक ललित यादव का नाम लिया तो वो सदन में मौजूद नहीं थे। जिसके बाद अध्यक्ष आगे बढ़ गए और अगले विधायक ने सवाल पूछा। जिसके बाद ललित यादव सदन में पहुंचे और अध्यक्ष से सवाल पूछे जाने की मांग करने लगे।
जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हमने आपको नाम लिया था आप सदन में मौजूद नहीं थे, अब हम पीछे नहीं जाएंगे। जिस पर राजद विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष पर पक्षपात करने का आरोप लगा दिया। जिससे अध्यक्ष भड़क गए फिर दोनों को बीच जमकर तू-तू मैं-मैं हुआ। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आप हमारे कमरे में आइए हम आपको पूरी वीडियो दिखाएंगे।
विधानसभा अध्यक्ष के मना करने के बाद भी राजद विधायक हंगामा कर रहे थे। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ने राजद विधायक को सीमा रहकर बोलने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि बैठिए आप ये तरीका नहीं है। उन्होंने कहा कि सदन नियम से चलेगा आपके हिसाब से नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि सदन नियमावली से चलेगा आपके मर्जी से नहीं चलेगा।
बता दें प्रश्नकाल में पहला सवाल विधायक अजय सिंह का था। उन्होंने केंद्रीय कर्मियों की भांति राज्यकर्मियों को ग्रुप इंश्योरेंस, ग्रेच्युटी व अन्य सुविधा देने की मांग की। इसपर प्रभारी मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव ने जवाब दिया। इसके बाद विधायक अजय सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने जो उत्तर दिया है की राज्य कर्मियों के वेतन भत्ते केंद्रीय कर्मियों के समरूप देने के लिए सरकार नीतिगत रूप से बढ़ नहीं है। मैं इस जवाब को चुनौती देता हूं।
मैं सरकार से जानना चाहता हूं, क्या बिहार सरकार और राज्य कर्मियों के प्रतिनिधियों के बीच समझौता हुआ जिसमें तय हुआ था कि केंद्र के अनुसार ग्रुप इंश्योरेंस और ग्रेच्युटी देय होगा। मैं जानना चाहता हूं कि अपनी साख बचाने के लिए राज्य सरकार राज्य कर्मियों को ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 20 लाख से 25 लाख रुपए करने पर विचार रखती है?
उधर, सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी दलों ने विधानसभा के बाहर सरकार को घेरने की कोशिश की। भाकपा- माले के सदस्यों ने सदन के बाहर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया और पूरी मजबूती से अपनी बात सरकार के समझ रखने की कोशिश की।
भाकपा- माले के सदस्यों ने हाथों में पोस्टर लेकर अपनी मांगों के समर्थन में सदन के बाहर नारेबाजी की। उनकी मांग थी कि 2013 के कानून के मुताबिक पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए, बटाईदारों को केसीसी के साथ साथ तमाम तरह की सुविधाएं दी जाएं, एमएसपी पर किसानों की फसल खरीदी जाए और सभी सड़क परियोजनाओं में बाजार रेट का चार गुणा मुआवजा सरकार दे।