पटनाः लोकसभा चुनाव में बिहार विधानमंडल के पांच सदस्यों के सांसद बन जाने से विधानसभा और विधान परिषद के आंकड़े बदल गए हैं। सांसद बनने पर विधानमंडल के सदनों से इस्तीफा दे चुके सदस्यों को छोड़ दें तो विधानसभा और विधान परिषद में भाजपा इस वक्त सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। विधानसभा में भाजपा के अब 78 सदस्य हो गए हैं। दूसरे नंबर पर राजद है, जिसके सदस्यों की संख्या 77 है। राजद के सदस्यों में वे भी शामिल हैं, जिन्होंने फरवरी 2024 में विश्वासमत के दौरान पाला बदल लिया था। वहीं, विधानसभा चुनाव बाद जदयू ने एक-एक कर सदस्यों को जोड़ा है, जिससे उसके सदस्यों की संख्या अब 44 हो गई है। बता दें कि विधानमंडल के पांच सदस्यों में विधानसभा से चार के और एक विधान परिषद के सदस्य ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की है।
जिसमें राजद के दो विधायक इस बार लोकसभा पहुंचे हैं। इसमें विधायक सुरेंद्र प्रसाद यादव जहानाबाद से चुन कर लोकसभा पहुंचे हैं तो सुधाकर सिंह बक्सर से सांसद बने हैं। वहीं, महागठबंधन में शामिल भाकपा-माले के सुदामा प्रसाद आरा से निर्वाचित हुए हैं। जबकि एनडीए में शामिल 'हम' के संरक्षण पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी गया से जीते हैं।
वहीं, विधान परिषद के सदस्य देवेश चंद्र ठाकुर जदयू के टिकट पर सीतामढ़ी चुन कर संसद पहुंचे हैं। उल्लेखनीय है कि विधानसभा में भाजपा के 78, राजद के 77, जदयू के 44, कांग्रेस के 19, भाकपा-माले के 11, हम (से) के 3, भाकपा के 2, माकपा के 2, एआईएमआईएम के 1 और 1 निर्दलीय सदस्य हैं। विधानसभा की चार सीटें खाली हो गई है, जिनमें सुरेंद्र यादव, सुधाकर सिंह, सुदामा प्रसाद और जीतन राम मांझी ने सांसद बनने के बाद विधायकी से त्यागपत्र दे दिया है। वहीं, विधान परिषद से देवेश चंद्र ठाकुर ने भी सांसद बनने पर इस्तीफा दे दिया है।
उधर, विधान परिषद में भाजपा 24 सदस्यों के साथ पहले नंबर की पार्टी है तो दूसरे नंबर पर 21 सदस्यों के साथ जदयू है। राजद के 15 सदस्य हैं। इसके अलावा कांग्रेस के 3, भाकपा-माले, भाकपा, हम (से) और रालोजपा के एक-एक सदस्य हैं। वहीं, छह निर्दलीय सदस्य हैं तो दो सीटें खाली हो गई हैं।
विधानसभा और विधान परिषद के अध्यक्ष-सभापति भाजपा कोटे के ही हैं। विधानसभा में भाजपा सदस्य नंद किशोर यादव ने अध्यक्ष की कुर्सी संभाली है तो विधान परिषद में भाजपा के ही अवधेश नारायण सिंह कार्यकारी सभापति का दायित्व संभाल रहे हैं।