केंद्र सरकार घड़ियाल की गिनती कर लेती है, बहुसंख्यक गरीबों, वंचितों, उपेक्षितों, पिछड़ों और अतिपिछड़ों की नहीं?, जातीय जनगणना पर लालू यादव ने कसा तंज
By एस पी सिन्हा | Published: May 17, 2023 05:47 PM2023-05-17T17:47:31+5:302023-05-17T17:48:51+5:30
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भारतीय वन्य जीव ट्रस्ट द्वारा घड़ियालों की संख्या लेकर एक आंकड़ा जारी किया है। केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।
पटनाः बिहार में जातीय जनगणना कराने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। इस मामले में आज सुनवाई टल गई। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल ने इस सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। अब मुख्य न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ इस मामले की अगली सुनवाई के लिए अलग बेंच का गठन करेंगे।
इसबीच जातिगत जनगणना कराने के नीतीश सरकार के फैसले के पक्ष में अब राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव भी कूद पड़े हैं। उन्होंने इसको लेकर कड़े शब्दों में केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। लालू यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि केंद्र सरकार घड़ियाल की गिनती कर लेती है। लेकिन देश के बहुसंख्यक गरीबों, वंचितों, उपेक्षितों, पिछड़ों और अतिपिछड़ों की नहीं?
केंद्र सरकार घड़ियाल की गिनती कर लेती है लेकिन देश के बहुसंख्यक गरीबों, वंचितों, उपेक्षितों, पिछड़ों और अतिपिछड़ों की नहीं?
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) May 17, 2023
RSS/BJP देश के OBC को जानवरों से भी बदतर मानती है इसलिए इन्हें जातीय गणना और जातीय सर्वे से दिक्कत है।
BJP को पिछड़ों से इतनी नफरत और दुश्मनी क्यों?… pic.twitter.com/VMlw1TOqxf
आरएसएस/भाजपा देश के ओबीसी को जानवरों से भी बदतर मानती है। इसलिए इन्हें जातीय गणना और जातीय सर्वे से दिक्कत है। भाजपा को पिछड़ों से इतनी नफरत और दुश्मनी क्यों? लालू यादव ने खबर में लिखे इस बात का जिक्र किया है, जिसमें भारतीय वन्य जीव ट्रस्ट द्वारा घड़ियालों की संख्या लेकर एक आंकड़ा जारी किया गया है।
इसमें घड़ियालों का आंकड़ा जारी करते हुए कहा गया है कि गंडक नदी में घड़ियालों की संख्या में खासी बढ़ोतरी हुई है। साल 2014 में घड़ियालों की संख्या 30 थी जो अब बढ़कर 217 हो गई है। इस पर लालू यादव ने केंद्र सरकार पर तंज कसा है। बता दें कि जातीय जनगणना पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई।
सुनवाई होने से पहले ही दो जजों की बेंच में एक न्यायाधीश संजय करोल ने इस मामले से खुद को अलग कर लिया। कहा गया कि जातीय जन-गणना केस में सुनवाई में न्यायाधीश करोल शामिल नहीं होंगे। उल्लेखनीय है कि जातीय जनगणना पर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। इसके खिलाफ बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है।