पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद लालू परिवार में जारी कहल धीरे-धीरे और भयावह रूप लेता जा रहा है। लालू यादव के परिवार में शुरू हुई बगावत की आग अब खुलेआम सियासी मैदान में दिखाई दे रही है। इसी कड़ी में बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर अपने छोटे भाई और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए पार्टी नेतृत्व पर गंभीर सवाल दाग दिए हैं। तेज प्रताप की पार्टी जनशक्ति जनता दल के इंस्टाग्राम अकाउंट से जारी विस्तृत पोस्ट में उन्होंने रोहिणी आचार्य के पार्टी और परिवार दोनों से नाता तोड़ने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
उन्होंने सवाल उठाया कि “सबको निकालोगे तो रहेगा कौन?” तेज प्रताप का दावा है कि यही सवाल अब जनता भी पूछ रही है और पार्टी की मौजूदा हालत इसी की गवाही दे रही है। अपने बयान में तेज प्रताप ने लिखा है कि जब उन्हें पार्टी से बाहर किया गया था तो कुछ लोग सोचते थे कि “तेज प्रताप फ़ालतू है, इससे क्या फर्क पड़ेगा।”
उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी आवाज़ दबाई गई, उन्हें हाशिए पर धकेला गया, फिर भी वह पूरे मनोयोग से पार्टी में लगे रहे। लेकिन जैसे ही उन्होंने बाहर आकर ‘नई राजद’ की अंदरूनी हकीकत जनता के सामने रखी, नेतृत्व को एहसास होने लगा कि उन्होंने क्या खो दिया। उन्होंने पार्टी के चुनावी प्रदर्शन को आधार बनाकर वर्तमान नेतृत्व पर कटाक्ष किया।
आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2015 में राजद के पास 80 सीटें थीं, 2020 में 75 रह गईं और अब यह संख्या घटकर 25 पर आ गई है। तेज प्रताप ने चेतावनी दी कि अगर यही दरबारी राजनीति जारी रही तो 25 से 5 सीट पर आने में भी देर नहीं लगेगी। तेज प्रताप के निशाने पर यह बात भी जोरदार रही कि पहले उन्हें निकाला गया, अब देवी समान बहन रोहिणी आचार्य को पार्टी से अलग कर दिया गया।
उन्होंने तल्ख़ लहजे में कहा कि पूरा बिहार हंस रहा है। जिस परिवार ने लोगों को हंसाया और रुलाया, वही आज खुद मजाक बन गया है। उन्होंने पोस्ट के अंत में महाभारत का जिक्र करते हुए लिखा कि इज़्ज़त का तमाशा जब-जब हुआ है, पार्थ… धर्म ने सिर्फ हस्तिनापुर नहीं, पूरा इतिहास बदल दिया है। राजद के भीतर बढ़ती खींचतान और यादव परिवार में लगातार बढ़ रही दरार ने बिहार की सियासत में नया तूफान खड़ा कर दिया है।